Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
View full book text
________________
.............................
विरल विशेषताओं के धनी
। युगप्रधान आचार्य श्री तुलसी अभिनन्दनीय व्यक्ति के अभिनन्दन का कोई भी उपक्रम संस्थान के रूप में विश्रत हो चुका है, केसरीमलजो के उस समाज या संस्था के लिए गौरव का विषय होता पुरुषार्थ का प्रतीक है। उस शिक्षण-संस्थान के कारण है। क्योंकि वह अभिनन्दन किसी व्यक्ति का नहीं पर आज वह क्षेत्र विद्याभूमि के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त कर उसकी विशेषताओं का होता है। राणावास के वयोवृद्ध, चका है। विद्याभूमि की सबसे बड़ी विशेषता है-पुस्तकीय कर्मठ कार्यकर्ता श्री केसरीमलेजी सुराणा समाज के ज्ञान के साथ जीवन-निर्माण के संस्कारों का पल्लवन । ) वरिष्ठ व्यक्तियों में हैं । मैंने सुना कि इनके अभिनन्दन हेतु आज के अनुशासनहीन युग में राणावास में शिक्षा प्राप्त एक ग्रन्थ तैयार करने की योजना है। मैंने उस योजना को करने वाले छात्रों का अनुशासनयुक्त जीवन एक उदाहरण देखा और केसरीमलजी के जीवन की कुछ विरल विशेषताएँ है। इसमें केसरीमलजी की प्रशासन क्षमता बहुत बड़ा मेरी आँखों के सामने आ गई । उनमें मैंने उनके दो रूपों निमित्त है। यद्यपि इन्हें अपने कठोर अनुशासन के लिए को विशेष रूप से आँका है।
बहुत लोगों से बहुत कुछ सुनना पड़ता है, फिर भी इनकी उनका पहला रूप है एक गृहस्थ संन्यासी का। कार्यक्षमता और निःस्वार्थ सेवा-भावना के आगे कोई साधु और श्रावक के मध्य तीसरी उपासक श्रेणी की प्रश्नचिन्ह नहीं है। मेरी जो कल्पना है, उसका मूर्त रूप केसरीमलजी में केसरीमलजी का जीवन आदर्श जीवन है । ऐसे देखने को मिलता है। इनका त्याग, वैराग्य और साधना श्रावकों को देखकर प्रसन्नता होती है। इनकी साधना और सामान्य व्यक्ति को रोमांचित कर देती है । चौबीस घण्टों समाज-सेवा में इनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुन्दरदेवी बरा. में ढाई घण्टे सोना, उन्नीस सामायिक करना और खाद्य- बर सहयोगिनी रही हैं। वह भी जिस संयम, सादगी और संयम के विशेष प्रयोग करते रहना क्या साधारण बात कुशलता के साथ अपनी गृहस्थी का संचालन कर रही है ? मुझे तो ऐसा प्रतीत होता है कि विरक्ति इनके जीवन हैं, उल्लेखनीय है । में स्वयं मुखर हो रही है। ऐसे व्यक्ति समाज के गौरव मैं केसरीमलजी के भावी जीवन में उनकी साधना होते हैं । इनके त्यागमय जीवन से बहुत कुछ सीखा जा की उत्कृष्टता के लिए शुभाशंसा करता हूँ और आशा सकता है।
करता हूँ कि उनका अवशेष जीवन भी समाज के लिए और केसरीमलजी का दूसरा रूप है एक कर्मशील अधिक उपयोगी तथा प्रेरक बनेगा।। कार्यकर्ता का । राणावास, जो आज एक विशिष्ट शिक्षण
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org