Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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सत्र
१६७७
१६७८
१६७६
१६८०
बोर्ड परीक्षा परिणाम
राजस्थान बोर्ड की सैकण्डरी परीक्षा में स्वयंपाठी छात्रों के रूप में छात्रों को प्रविष्ट कराया जाता है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा अभी तक माध्यमिक स्तर की मान्यता प्राप्त नहीं हुई है ।
उत्तीर्ण
अनुत्तीर्ण
परिणाम प्रतिशत I
ह
१
५
खेल-कूद
फुल
१८
१४
१६
१४
श्री पी. एच. रूपचन्द डोसी जैन विद्यालय, गुड़ा रामसिंह
ह
६
११
५०
६५
६६
६४.२
विद्यालय की अन्य गतिविधियाँ एवं उपलब्धियाँ
५
५
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II
III
२५७
५
५
विद्यालय की इमारत खुले मैदान के बीचों-बीच बनी हुई है। इसके चारों ओर विभिन्न खेलों यथा-हाकी, फुटबाल, बालीबाल, बास्केटबाल व रिंग के मैदान बने हुए हैं। देशी खेलों यथा- कबड्डी, खो-खो के भी मैदान बने हुए हैं। इस विद्यालय में खेलकूद का स्तर अच्छा है। हर वर्ष क्षेत्रीय व जिलास्तरीय खेल-कूद प्रतियोगिताओं में इस विद्यालय के छात्र अग्रणी रहते हैं तथा विभिन्न पुरस्कार प्राप्त करते हैं ।
१९७६ में इस विद्यालय का खेल दल क्षेत्रीय स्तर पर जनरल चैम्पियन रहा तथा जिला स्तर पर फुटबाल में चैम्पियनशिप प्राप्त की। इसी वर्ष इस विद्यालय ने सर्वोत्तम अनुशासन की चल वैजयन्ती भी प्राप्त की। इस दल के इन्चार्ज अध्यापक श्री मूलसिंह राठौड़ थे । खेलकूद की इस ऊँचाई तक पहुँचने में विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री विजयसिंह पंवार का मार्गदर्शन व प्रेरणा प्रधान रही है जो कि स्वयं भी एक अच्छे खिलाड़ी हैं।
छात्रसंघ
छात्र संसद का गठन प्रतिवर्ष किया जाता है। छात्रों में प्रजातान्त्रिक भावना व मूल्यों का विकास करने व सहयोग - भावना पैदा करने हेतु यह आवश्यक भी होता है। छात्र संघ के पदाधिकारी छात्र अपने-अपने इन्चार्ज अध्यापकों के मार्गदर्शन में कार्य कर शाला - प्रशासन व व्यवस्था में योगदान प्रदान करते रहे हैं ।
स्काउटिंग
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सत्र ७०-७१ में विद्यालय खुलते ही स्काउटिंग ग्रुप खोला गया। प्रधानाध्यापक श्री विजयसिंह पंवार स्वयं प्रशिक्षित स्काउट मास्टर थे । उन्होंने इस सहगामी क्रिया को सुचारु रूप से चलाया और छात्रों को ट्रेण्ड किया । प्रतिवर्ष छात्र टोलीनायक प्रशिक्षण शिविर व फर्स्ट व सैकण्ड क्लास परीक्षा शिविरों में भाग लेकर सफलता प्राप्त करते रहे हैं। अब यह कार्य श्री महेन्द्रसिंह राठौड़ कर रहे हैं। स्काउटिंग के छात्रों ने विद्यालय प्रांगण में खड्डों को अपने श्रमदान से भरकर उसे समतल किया तथा करीब २० पेड़ लगाये ।
अणुव्रत समिति
अणुव्रत समिति गुड़ा रामसिंह के नाम से एक संस्था ग्रामीण नवयुवकों एवं विद्यालय के सहयोग से स्थापित की गई। इसकी स्थापना व कार्य सफलता का श्रेय भाई श्री जयप्रकाश गादिया को है, जिसने अपना तन, मन व यथाशक्ति धन भी प्रदान किया ।
अणुव्रत व उसकी शिक्षाओं के प्रचार व प्रसार हेतु विभिन्न कार्यक्रम यथा सन्त-सतियों के प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, व शिविरों का आयोजन किया गया । चातुर्मास व अन्य अवसरों पर उपलब्ध सन्त-सतियों के प्रवचन विद्यालय में आयोजित किये जाते थे तथा छात्रों व अध्यापकों ने विभिन्न व्रत लेकर तदनुसार अपने आचरण को ढाला है।
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