Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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पडिमाधारी श्रावक : एक परिचय
D साध्वी श्री जतन कुमारी (युगप्रधान आचार्य श्री तुलसी की शिष्या)
"संति एगेहिं भिक्खूहिं गारत्था संजमोत्तरा" कुछ भिक्षुओं की अपेक्षा कुछ गृहस्थों का संयम श्रेष्ठ एवं अनुत्तर होता है । जो तीन करण और तीन योग से असत् प्रवृत्ति का परित्याग करता है, वह महाव्रती होता है। जो इनमें अपवाद रखता है, वह श्रावक होता है।
___ श्रावकों के अनेक स्तर हैं, उनमें भी एक स्तर प्रतिमाधारी श्रावक का है । प्रतिमा का अर्थ-विशेष त्याग व विशेष अभिग्रह है। प्रतिमाएं ग्यारह हैं जो निम्न प्रकार हैं :
(१) दर्शन-प्रतिमा-समय-एक मास । विधि-एक मास तक निरतिचार (शंका, कांक्षा आदि दोषों से रहित) सम्यक्त्व का पालन करना। संसार के सर्व धर्मों को जानकर भी सम्यग्दर्शन में दृढ़ रहना, सम्यक्त्व के दोषों को वर्जना । सम्यग्दर्शनी किसी भी परिस्थिति में देव, गुरु और धर्म के अतिरिक्त और किसी को वन्दन, व्यवहार नहीं करता है । सगे-सम्बन्धियों से संलग्न जुहार आदि करना भी निषिद्ध है। क्योंकि संसार में रहता हुआ भी सांसारिक व्यवहारों से अलग रहता है ।
(२) व्रत-प्रतिमा-समय-दो मास । विधि-ग्रहण किये हुए अणुवत, गुणव्रत और शिक्षावतों का निरति- . चार पालन होता है।
(३) सामायिक-प्रतिमा-समय-३ मास । विधि-प्रातः, मध्याह्न और सन्ध्या तीनों समय शुद्ध सामायिक एवं देशावकाशिक करता है । नवकारसी तथा पौरसी का क्रम चालू रहता है।
(४) पौषध-प्रतिमा--समय-४ मास । विधि-अष्टमी, चतुर्दशी, अमावस्या एवं पूर्णिमा को प्रतिपूर्ण पौषध का पालन करना।
(५) कायोत्सर्ग-प्रतिमा-समय-५ मास । विधि-इस प्रतिमा में श्रावक रात के समय कायोत्सर्ग करता है । पाँचवीं प्रतिमावाला (१) स्नान नहीं करता (२) रात्रिभोजन नहीं करता (३) धोती की लांग नहीं देता। (४) दिन में ब्रह्मचारी रहता है (५) रात्रि में मैथुन का परिमाण करता है।
(६) ब्रह्मचर्य-प्रतिमा-समय-६ मास । विधि-पूर्व नियमों के अतिरिक्त इस प्रतिमा में श्रावक पूर्ण ब्रह्मचारी रहता है।
(७) सचित्त-प्रतिमा-समय-७ मास । विधि-सचित्त आहार का सर्वथा त्याग होता है।
(6) आरंभ-प्रतिमा-समय-८ मास । विधि-इस प्रतिमा में श्रावक सर्वथा आरम्भ-समारम्भ करने का त्याग करता है। सचित्त पृथ्वी, पानी, अग्नि, बीज आदि का संघट्टा भी नहीं कर सकता।
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