Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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तेरापंथी मैन व्याकरण साहित्य
३३६
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नेश आदेश नहीं है-अनशत् ।
सन् प्रत्यय में पत को विकल्प से इट् अतः क्त क्तवतु में इट नहीं होगा ।
वम, जप और श्वस से यह नियम नहीं है।
ऐसा विधान नहीं है।
भज धातु से यह विधान नहीं है।
ऐसा नियम नहीं है।
ऋच धातु को नहीं छोड़ा गया है ।
४२. नश् धातु को विकल्प से नेश आदेश होता है-अनेशत्,
अनशत् । ४३. पत धातु से क्त और क्तवत् प्रत्यय में इट् करने से
पतितः रूप बना है। ४४. वम, जप, त्वर, रुष, संघुप्, आश्वन और श्वस धातु
से परे क्त क्तवतु को विकल्प से इट् होता है। ४५. स्म शब्द सहित माङ् उपपद में हो तो धातु से दिवादि
और धादि के प्रत्यय होते हैं। ४६. श्लिष्, शी, स्था, आस, वस्, जन, रुह, भज और
ज़ धातु से कर्ता में क्त प्रत्यय विकल्प से होता है। ४७. यज् और भज् धातु से य प्रत्यय विकल्प से होता है
पक्ष में ध्यण, यज्यम्, याज्यम् । ४८. कृप, चूत और क्रच धातु को छोड़कर ऋकार उपधा
वाली धातुओं से क्यप् प्रत्यय होता है। ४६. कृ, वृष, मृज, शंस, दुह, गुह, और जप धातु से क्यप्
प्रत्यय विकल्प से होता है। ५०. तिप्य, पुष्य और सिद्ध्य नक्षत्र अर्थ में क्यप् प्रत्य
यान्त निपातन से सिद्ध होते है। ५१. नाम्युपध धातु और ज्ञा, प्री, कृ एवं गृ धातु से क
प्रत्यय होता है। धनुष, दण्ड, त्सरु, लाङ्गल, अंकुश, ऋष्टि, शक्ति, यष्टि, तोमर और घट शब्द से परे ग्रह धातु को
अच् प्रत्यय विकल्प से होता है। ५३. आदि, अन्त आदि शब्द उपपद में हो तो कृ धातु से
ट प्रत्यय होता है। ५४. फले, रजस् और मल शब्द उपपद में हो तो ग्रह धातु
से इ प्रत्यय होता है। ५५. देव और वात कर्म उपपद में हो तो आप्ल धातु से इ
प्रत्यय होता है—देवापि। ५६. क्षेम, प्रिय, भद्र और भद्र कर्म उपपद में हो तो कृ
धातु से अण् और खश् प्रत्यय होते हैं। ५७. बहु, विधु, अरुष और तिल उपपद में हो तो तुद
धातु से खश् प्रत्यय होता है।
दुह, गुह और जप से वैकल्पिक क्यप् का विधान नहीं है। तिष्य शब्द से यह विधान नहीं है।
गृ धातु से नहीं होता।
५२.
दण्ड, सरु और ऋष्टि शब्दों से यह विधान नहीं है।
क्षपा, क्षणदा, रजनी, दोषा, दिन, दिवस ये शब्द नहीं हैं। रजस् और मन शब्द की उपपदता में नहीं होता।
ऐसा सूत्र नहीं है।
भद्र शब्द की उपपदता में नहीं होते।
बहु शब्द उपपद में हो तो नहीं होता ।
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