Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : प्रथम खण्ड
त्यागमति, समाजसेवी, शिक्षाप्रेमी, संयमी
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श्रीयुत केसरीमलजी सुराणा सादर समर्पित अभिनंदन पत्र
परम श्रद्धेय काका सा० !
आज हम सुमति शिक्षा सदन प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक आपके इकोतरवें जन्म दिवस के पुनीत अवसर पर सम्मानित करते हुए हर्ष अनुभव करते हैं और साथ ही साथ सादर अभिनन्दन करते हैं । हम सभी शिक्षक प्रसन्नता एवं उल्लासपूर्ण हृदय से परमपिता जिनेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आप जैसे कर्मयोगी, समाजसेवी एवं शिक्षाप्र ेमी मानव को सदा दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवनयापन करने का अवसर प्रदार करें, जिससे कि आप विद्याभूमि की प्रगति में अधिकाधिक सेवा दे सकें ।
आप गौरवशाली महान आत्मा हैं, मानवता के श्रेष्ठ गुण आपमें विद्यमान हैं। सच्चे मानव एवं पुण्य आत्मा होने के नाते आप वन्दनीय एवं पूज्यनीय हैं ।
त्यागमूर्ति !
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संसार में ऐसी कम आत्मा हैं जो पृथ्वी पर अवतरित होकर सांसारिक मोह बन्धन में न फँसी हों । मगर आप पूर्व संचित कर्मों के प्रभाव से इस भूतल पर अवतरित होकर कम उम्र में ही इस बन्धन से दूर रहे । काम, क्रोध और मोह का लवलेश तक नहीं । साधन सम्पन्न परिवार में जन्म लेकर आपने समाजसेवा - हित सर्वस्व त्याग दिया । इन्द्रियाँ द्वारा त्याग करना सच्चा त्याग माना जाता है । आप ऐसे ही सच्चे त्यागी हैं, जिन्हें महापुरुष की संज्ञा से सुशोभित करना कोई बड़ी बात नहीं है ।
संयमी !
आपका संयम सराहनीय है। आप पर गुरु की कृपा है जिससे आप में आत्मिक बोध जागृत हुआ और पूर्ण संयमी बनकर ईश्वर प्राप्ति हेतु सक्रिय बने । जो सभी के लिये पथ-प्रदर्शन है । अमूल्य सेवा !
आपने अपना अमूल्य समय इस विद्यालय के कार्य में दिया तथा अथक परिश्रम कर इस नगरी को विद्याभूमि बनाया। रवि रश्मि की भाँति चहुं ओर प्रकाशित होकर अपना तेज बिखेरने में अग्रगणीय हैं ।
मंगल कामना !
आपके जन्म दिवस के पुनीत अवसर पर जिनेश्वर भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हमारे काकासा दीर्घायु हों। आपकी सेवा का बिगुल बजता रहे । जनहित कार्य में कीर्तिमान स्थान प्राप्त कर मार्ग-दर्शन दें ।
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חוח
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समुद्रलाल संचेती प्रधानाध्यापक
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