Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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श्री जैन तेरापंथ महाविद्यालय, राणावास
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तार्थ निःशुल्क विशेष कक्षाओं का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। अग्रेजी भाषा के स्तर को सुधारने हेतु भी अतिरिक्त कक्षाओं का प्रबन्ध किया जाता है।
(५) विभिन्न परिषदें-विद्यार्थियों के शैक्षिक एवं बौद्धिक, उनकी विभिन्न प्रवृत्तियों तथा उनके व्यक्तित्व के विकास हेतु महाविद्यालय निम्न परिषदों का गठन करता है
(क) छात्र कल्याण परिषद-छात्र कल्याण परिषद का प्रारम्भ कालेज के प्रारम्भ के साथ ही हुआ है। यहाँ छात्र प्रतिनिधियों का चुनाव द्वारा चयन नहीं किया जाता है वरन् शैक्षणिक उपलब्धि के आधार पर मनोनयन किया जाता है। प्रत्येक संकाय में से प्रति दूसरे वर्ष में अध्यक्ष के मनोनयन की प्रक्रिया की जाती है । अध्यक्ष वही छात्र होता है जो कक्षा द्वितीय वर्ष में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण होता है। अध्यक्ष को सहयोग प्रदान करने के लिए अन्य संकाय में द्वितीय वर्ष में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाला छात्र उपाध्यक्ष होता है। इसके अतिरिक्त छात्र संघ की कार्यकारिणी का चयन विभिन्न कक्षाओं में आंकिक योग्यता में छात्रों के आधार पर किया जाता है। छात्रसंघ को उनकी शैक्षणिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियों में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए व्याख्याता को परामर्शदाता नियुक्त किया जाता है । छात्रसंघ के तत्त्वावधान में अखिल भारतीय स्तर पर श्रीयुत श्री केसरीमलजी सुराणा हिन्दी वादविवाद प्रतियोगिता तथा अखिल राजस्थान स्तर पर श्रीयुत एम० बी० मोतीलाल धोका हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है । वार्षिकोत्सव एवं विदाई समारोह का आयोजन भी यही परिषद करती है।
(ख) कला परिषद्-कक्षा में बैठकर मात्र पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त करना ही आज के विद्यार्थी के लिए पर्याप्त नहीं होता है । विद्यार्थी जीवन ही वह समय है जबकि प्रतिभा को विकसित कर व्यक्तित्व को निखारा जा सकता है। इसी तथ्य को दृष्टि में रखते हुए सह-शैक्षिक गतिविधियों के संचालन हेतु प्रति वर्ष कला-परिषद का गठन किया जाता है । कला-संकाय के व्याख्याता को इस परिषद का परामर्शदाता नियुक्त किया जाता है । इसके अन्तर्गत स्वरचितः कविता पाठ, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जिसमें छात्र उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।
(ग) वाणिज्य परिषद-कला परिषद के उद्देश्यों के अनुरूप ही वाणिज्य परिषद का गठन किया जाता है। पदाधिकारियों के लिए छात्रों की योग्यता के आधार पर चयन किया जाता है। इसके अन्तर्गत निम्नलिखित प्रतियोगितायें सामान्यतया की जाती हैं
१. सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता २. तत्काल भाषण प्रतियोगिता ३. वाद-विवाद प्रतियोगिता ४. श्रीयुत भंवरलाल जी सा० डागलिया अखिल भारतीय हिन्दी प्रतियोगिता।
(घ) योजना मंच-विकासशील राष्ट्रों का विकास प्रत्येक स्तर पर सुविचारित योजनाओं पर ही निर्भर होता है। योजना मंच के द्वारा महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं छात्रों में तथा उनके माध्यम से जन-साधारण में राष्ट्रीय योजनाओं के निर्माण, क्रियान्वयन तथा सफलताओं के प्रति जागरूकता एवं जिज्ञासा उत्पन्न करना मंच का मूल उद्देश्य होता है। इतना ही नहीं, बल्कि जन-सामान्य को नियोजन-प्रक्रिया में सम्मिलित करने में भी मंच महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इस महाविद्यालय में योजना मंच के सुचारु संचालन हेतु विभिन्न पदों पर छात्र-प्रति निधियों का योग्यता के आधार पर चयन किया जाता है तथा इन छात्र प्रतिनिधियों के मार्गदर्शन हेतु अर्थशास्त्र विभाग या आर्थिक प्रशासन एवं वित्तीय प्रबन्ध विभाग के प्राध्यापक की परामर्शदाता के रूप में नियुक्ति की जाती है। योजना मंच के प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार हैं'१. विस्तार भाषण-किसी महत्त्वपूर्ण आथिक विषय पर उस विषय के मर्मज्ञ द्वारा विस्तार भाषण दिया .. जाता है।
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