Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : द्वितीय खण्ड
के स्काउट्स ने अखिल भारतीय जम्बूरी-जयपुर (१९५६), इलाहाबाद (१९६४) व कल्याणी बंगाल (१९६७) में भाग लिया था।
सत्र १९७६-७७ में आयोजित जिला स्तरीय रैली सोजत में विद्यालय ट्रप को ८ उच्च स्तर व ८ स्तर के प्रमाण-पत्र प्राप्त हुए थे। सत्र १९७७-७८ में द्विसंघीय रैली वार्ता में ८ स्काउटों ने भाग लेकर उच्च स्तर प्राप्त किया था । स्थानीय ओसवाल समाज द्वारा जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जी के संरक्षण में पिछले पाँच वर्षों से आयोजित किये जाने वाले लघु शल्य-चिकित्सा शिविरों में विद्यालय के स्काउट्स रोगियों की सेवा-शुश्रूषा में अपना योगदान देते रहे हैं जिसके लिए स्काउट्स को प्रमाण-पत्र भी मिलते रहे हैं।
स्काउट्स प्रतिवर्ष प्रकृति-निरीक्षण हेतु गोरमघाट, काजलवास, तीतलेश्वर महादेव आदि स्थानों में अपना भ्रमण का कार्यक्रम रखकर स्काउटिंग का आनन्द लेते हैं ।
प्रतिवर्ष सर्वश्रेष्ठ स्काउट का चुनाव 'स्काउट रत्न' के रूप में किया जाता रहा है। विद्यालय के अब तक के स्काउट रत्नों के नाम इस प्रकार है
सत्र
नाम
१६६६
नेमीचन्द जैन १९७०
महेन्द्रकुमार मेहता १९७१
गौतमचन्द सुराणा १९७२
मांगीलाल शर्मा १९७३
देवराज सेमलानी १६७४
सोहनराज धोका १९७५
बाबूलाल कोचर १९७६
गौतमचन्द सेठिया १९७७
नरपतसिंह राजपुरोहित १९७८
गणपतसिंह सोलंकी १९७६
श्री मनोहरसिंह राजपुरोहित १९८०
श्री घेवरचन्द टेलर १९८१
श्री मोतीलाल सोनी यहाँ के स्काउट्स को राष्ट्रपति स्काउट्स के रूप में भी चयनित किया गया है व उन्हें राष्ट्रपति स्काउट्स बैज व पदक प्राप्त हुए हैं। विद्यालय को यह सौभाग्य तीन बार प्राप्त हुआ है और क्रमशः पाँच, तीन एवं पाँच स्काट्स को यह सम्मान निम्नानुसार मिला है
संख्या राष्ट्रपति स्काउट्स
१९६७
१९६६
नाम सम्मान-प्राप्त स्काउट्स भंवरलाल बागरेचा, उगमराज आच्छा, विजयराज समदड़िया, पारसमल गोलेच्छा, जोधाराम देवासी ढगलाराम चौधरी, भीमदास पीर, जगदीश लाल लोहार देवराज सेमलानी, बाबूलाल तेली, केवलचन्द बागरेचा, नरपतसिंह, किशनसिंह राजपुरोहित
१९७३
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