Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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श्री जैन तेरापंथी महाविद्यालय, राणावास
वर्ष वाणिज्य, श्री हरिशंकर शर्मा, प्रथम वर्ष वाणिज्य एवं श्री मोखमचन्द चोरड़िया, प्रथम वर्ष कला ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति प्राप्त कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की है। विभिन्न सत्रों में मिलने वाली छात्रवृत्तियों का विवरण इस प्रकार है
सत्र
शिक्षा निदेशालय
से प्राप्त
समाज कल्याण विभाग
से प्राप्त
अन्य समाज-सेवी
संस्थाओं से
योग
१९७६-७७ १९७७-७८ १६७८-७९ १६७९-८० १६८०-७१
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उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है कि इस महाविद्यालय में विद्यार्थियों की बहुत ही अल्प संख्या होने पर भी छात्रवृत्तियों की प्राप्ति का अंक ऊँचा है। यह हमारे लिए गौरव का विषय है ।
उपर्युक्त सभी प्रकार की छात्रवृत्तियों के कार्य संचालन हेतु प्रायः छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रभारी के रूप में कार्य करता है। छात्रवृत्ति-कार्य प्रभारी विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियों से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराता है, छात्रवृत्ति प्राप्ति योग्य छात्रों से आवेदन-पत्र तैयार करवाता है तथा जाँच-पड़ताल कर आवश्यक कार्यवाही हेतु सम्बन्धित विभाग को प्रस्तुत करता है। इसके अतिरिक्त श्री चूनाराम, प्रथम वर्ष वाणिज्य को मुख्यमन्त्री सहायता कोष से एवं श्री शैतानसिंह, द्वितीय वर्ष वाणिज्य को रोटेरी क्लब, पाली से भी सहायतार्थ राशि प्राप्त हुई।
(इ) शुल्क रियायत-महाविद्यालय में अध्ययनरत १० प्रतिशत छात्रों को उनके शिक्षण शुल्क में रियायत दी जाती है। इस रियायत के लिए योग्यता एवं आवश्यकता को ध्यान में रखा जाता है। निर्धन छात्रों को सुविधा प्रदान करने के लिए उन्हें विशिष्ट स्रोतों से आर्थिक अनुदान की व्यवस्था भी की जाती है। सत्र
शुल्क रियायत प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या १९७५-७६ १९७६-७७ १९७७-७८ १६७८-७६ १९७९-८० १९८०-८१
निर्धन छात्र कोष-महाविद्यालय में एक निर्धन छात्र कोष है, जिसमें विभिन्न स्रोतों से राशि एकत्र होती है, इस राशि से प्रति वर्ष समय-समय निर्धन छात्रों को उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु राशि प्रदान की जाती है। यह राशि बहुत अधिक बड़ी नहीं होती।
खेल-कूद-महाविद्यालय में एक पृथक खेल विभाग कार्यरत है। इसके इंचार्ज के लिए महाविद्यालय के एक व्याख्याता को इसका प्रभारी नियुक्त किया जाता है। उनके निर्देशन के अनुसार खेलों के सफल संचालन के लिए पी० टी० आई० नियुक्त किये गये हैं। वर्तमान में महाविद्यालय में ६ खेलों के लिए सुविधाएँ प्रदान की गई हैं।
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