Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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श्री जैन तेरापथ महाविद्यालय, राणावास
२०३
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इसके लिए महाविद्यालय को एक शिल्ड बनाकर भेंट की है जो प्रतिवर्ष वार्षिकोत्सव पर सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी को दी जाती है।
(७) श्री भंवरलाल जी डागलिया अखिल भारतीय हिन्दी निबन्ध प्रतियोगिता-उदयपुर निवासी प्रतिष्ठित व्यवसायी श्रीयुत भंवरलाल जी साहब डागलिया ने इस प्रतियोगिता हेतु १५५१-०० की धनराशि महाविद्यालय को भेंट की है। इस प्रतियोगिता का आयोजन वाणिज्य परिषद के तत्वाधान में किया जाता है। इसमें भारत के विभिन्न महाविद्यालयों में अध्ययनरत नियमित छात्रो से १० से १५ तक निबन्ध प्राप्त होते हैं।
(८) श्री गणपतलाल जी मालगा 'महाविद्यालय श्री' प्रतियोगिता-उत्साही व्यवसायी एवं शालीन व्यक्तित्व के धनी श्रीयुत मादमाजी द्वारा इस प्रतियोगिता के सम्बन्ध में महाविद्यालय को एक चल वैजयन्ती एवं १५१-०० की राशि भेंट की गई। यह प्रतियोगिता इसी महाविद्यालय के छात्रों के लिए आयोजित की जाती है। जो छात्र 'महा विद्यालय श्री' चुना जाता है उसे वार्षिकोत्सव पर चल वैजयन्ती एवं पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
(६) सेठ खींवराजाजी गादिया अखिल भारतीय अंतर्महाविद्यालय प्रतियोगिता-महाविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का उच्च स्तर देखकर उदारमना प्रसिद्ध व्यवसायी एवं संघ के प्रधान ट्रस्टी श्रीयुत अमरचन्द जी गादिया ने अपने पिताश्री के सुनाम से अखिल भारतीय स्तर की एक प्रतियोगिता के श्रीगणेश हेतु रुपये १५५१-०० की राशि स्थायी कोष हेतु महाविद्यालय को सहर्ष प्रदान की। इस प्रतियोगिता का शुभारंभ सत्र १९८१-८२ से होगा।
(१०) टी० ओकचन्द गादिया अखिल भारतीय अंतर्महाविद्यालय प्रतियोगिता-इसी प्रकार उदारहृदयी प्रसिद्ध व्यवसायी श्रीमान ओकचंद जी गादीया ने भी अखिल भारतीय स्तर की एक प्रतियोगिता के संचालन हेतु रुपये १५५१-०० की राशि स्थायी कोष हेतु महाविद्यालय को उदारतापूर्वक भेंट की। इस प्रतियोगिता का श्रीगणेश भी सत्र १९८१-८२ से होगा।
जयंतियां व समारोह-छात्रों के सर्वांगीण विकास एव नैतिक उत्थान के लिए समय-समय पर विभिन्न समारोहों का आयोजन किया जाता है। कुछ प्रमुख समारोहों का विवरण निम्नानुसार है
(क) पर्युषण महापर्व-प्रतिवर्ष भाद्रपद माह में महाविद्यालय में पर्युषण महापर्व उत्साह से मनाया जाता है। इनमें छात्र नियमानुसार जीवन व्यतीत करने का संकल्प लेते हैं। इस पर्व में अणुव्रत दिवस, स्वाध्याय दिवस तथा क्षमायाचना दिवस पर छात्र उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं ।
(ख) घटोत्सव दिवस-प्रतिवर्ष यह महोत्सव आचार्य तुलसी के आचार्य पद ग्रहण करने की स्मृति में भाद्रपद शुक्ला नवमी को मनाया जाता है।
(ग) भिक्ष चरमोत्सव-इस समारोह का आयोजन प्रतिवर्ष भादवा सुद त्रयोदशी को किया जाता है तथा तेरापंथ के आद्य प्रवर्तक आचार्य भिक्षु की पावन स्मृति में मनाया जाता है।
(घ) आचार्यश्री जन्म समारोह-प्रतिवर्ष आचार्य श्री तुलसी का जन्म समारोह कातिक सुदी द्वितीया को मनाया जाता है जिसमें छात्र आचार्य श्री का भावभीना अभिनन्दन करते हैं।
(ड) मर्यादा महोत्सव-यह महोत्सव उन मर्यादाओं पर दृढ़ रहने की पुनः प्रतिष्ठा हेतु मनाया जाता है जो मर्यादाएँ तेरापंथ धर्म, संघ, चारित्र-आत्माओं एवं श्रावकों के लिए निर्धारित की गई हैं। इस समारोह का आयोजन प्रतिवर्ष माघ सुदी सप्तमी को किया जाता है।
(च) काका सा० का जन्म समारोह-संस्था के प्राण काका सा० के श्री चरणों में बैठकर उनके त्यागपूर्ण जीवन से शिक्षा ग्रहण करने के लिए इस समारोह का आयोजन प्रतिवर्ष फाल्गुन कृष्णा अष्टमी को किया जाता है । दिनांक २१-२-७६ को माननीय सुराणा साहब के ७०वें जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर महाविद्यालय परिवार की ओर से एक अभिनन्दन-पत्र भेंट किया गया।
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