Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : प्रथम खण्ड
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कर्मठ नर-रत्न श्रद्धय काकासाहब केसरीमलजी सुराणा के
पवित्र चरणों में समर्पित
अभिनंदन पत्र
मान्यवर!
हम आदर्श निकेतन के कक्षा दशम एवं एकादशम के छात्र परम विनीत भाव से श्रद्धापूर्वक आपके चरणों में 'पत्रं पुष्पं फलं' के रूप में यह अभिनन्दन-पत्र अर्पित करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता एवं गौरव का अनुभव करते हैं।
अब हम आपका आशीर्वाद प्राप्त कर अपनी परीक्षाएँ देने हेतु आपसे विदाई ले रहे हैं। इतने दिन तक आपके श्रीचरणों में रहकर आचार-विचार द्वारा चरित्र निर्माण में जो प्रसन्नता एवं सुख की उपलब्धि होती थी वह तो स्वप्नवत् ही होगी परन्तु आपके त्यागमय जीवन, निःस्वार्थ प्रेम, सेवाभावी वृत्ति और धर्मानुरागमय जीवन की ज्योति सदैव हमारे मानस-पटल पर चमत्कृत रहेगी। महानुभाव!
आपके जीवन की सादी वेश-भूषा, प्रेम से परिपूर्ण प्रसन्न मुद्रा, शीघ्र निर्णय की शक्ति, कठोर अनुशासन की क्षमता और दुष्कर ब्रह्मचर्य व्रत साधना हमारे जीवन में भी सदैव स्मरण रहेंगे और 'प्रकाश स्तम्भ' का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। श्रद्धय काका साहब !
आपकी संयम वृत्ति, सन्तोषी प्रकृति, सतत अध्ययनशीलता, आध्यात्मिक रुचि और कठोर तपश्चर्या का ही यह पुण्य प्रताप है कि हम राणावास जैसे छोटे से स्थान में विश्ववंद्य, अणुव्रत आन्दोलन के अनुशास्ता युग प्रधान आचार्य श्री तुलसी की असीम कृपा से प्रतिवर्ष चारित्र-आत्माओं के चातुर्मास एवं शेषकाल में सद्संगति और प्रवचनों का लाभ उठाते रहे और ज्ञान-दर्शन-चारित्र की त्रिवेणी में स्नान करते रहे हैं। परम क्षमाशील !
हम छोटे-छोटे बालक हैं । चंचल स्वभाव के हैं और त्रुटियों से भरे पड़े हैं, इस कारण अपने छात्रावासी जीवन में नाना प्रकार के दोषों से आपके मानस को हम संतप्त करते रहे हैं। इसके लिए हम विनम्र भाव से नतमस्तक होकर हाथ जोड़कर क्षमायाचना करते हैं। महान् नर-रत्न!
हम शत-शत शुभकामना करते हैं कि आप स्वस्थ रहकर दीर्घायु प्राप्त करें तथा अपनी साधनामय जीवन की सौरभ अधिकाधिक प्रसारित करें और यहाँ महाविद्यालय की स्थापना करें। जिससे आपके श्रीचरणों में रहने का पुनः सुअवसर हम प्राप्त कर सकें। आदर्श निकेतन
हम हैं आपके कृपापात्र राणावास
कक्षा दशम एवं एकादशम के छात्रगण दिनांक १-३-७१
सत्र १९७०-७१
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