Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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अभिनन्दनों का आलोक
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दृढ़ संकल्पी एवं धुन के धनी !
प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के सोपान निर्मित कर आपने प्रगति का जो दृढ़ धरातल प्रदान किया है, वह आपकी दृढ़ संकल्प शक्ति एवं धुन का ही सुपरिणाम है । आपने जो बीड़ा उठाया, उसे पूरा कर दिखाया नेपोलियन की भाँति आपके शब्दकोष में 'असम्भव' शब्द नहीं है। महाविद्यालय का सुसज्जित, भव्य एवं विशाल परिसर तथा इसके हेतु आप द्वारा अब तक करीब सैतालिस लाख रुपयों की धनराशि का एकत्र करना आपके दृढ़ संकल्प एवं जीवट के ही प्रतीक हैं। यहाँ का कण-कण आपके ही रक्त से रक्ताभ है, आपकी ही शक्ति से प्राणवान है। वस्तुतः आप स्वयं अपने आप में एक संस्था हैं। कुशल प्रशासक!
भारत की इस विशाल एवं ख्याति प्राप्त संस्था के सुव्यवस्थित संचालन की बागडोर आप जैसे दृढ़ संकल्पी कुशल प्रशासक के शक्तिशाली हाथ ही थाम सकते हैं। सिंह की मांद में रहना हँसी-खेल नहीं होता। आप जैसे 'नरकेसरी' के नेतृत्व में भी कार्य करना आसान नहीं है । निश्चय ही आपका व्यक्तित्व अनुकरणीय है, अभिनन्दनीय है। कर्म, धर्म, सेवा शिक्षा, समाज-सुधार आदि प्रत्येक दिशा में आपने यौगिक तन्मयता और औदात्य के शाश्वत आदर्ण स्थापित किये हैं । आपका जीवन एक ऐसी खुली पुस्तक है, जिसका प्रत्येक पृष्ठ जीवन के उच्च मूल्यों के स्वर्णाक्षरों से युक्त है । इस विकासोन्मुख समाज का चराचर आपके दीर्घ जीवन एवं आत्मोन्नयन की शुभकामना करता है । हम आपके हैं, आप हमारे हैं, सम्पूर्ण समाज के हैं । आप शत-शत वर्षों तक हमारा मार्ग दर्शन करते रहें, हमें प्रेरणा देते रहें, यही हमारी शुभकामना और प्रभु से प्रार्थना है
राणावास २१-२-१९७६
हम हैं आपके आज्ञाकारीश्री जैन तेरापंथ महाविद्यालय परिवार के सदस्य (श्री सी. आर. जे. बी. एन. भंसाली वाणिज्य संकाय
एवं श्री सी. जे. सेठिया कला संकाय)
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