Book Title: Kasaypahudam Part 02
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh
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गा० २२ ] उत्तरपयडिविहत्तीए परिमाणाणुगमो साय० विह० केत्ति० १ अणंता । अविह० केत्ति० १ संखेजा। सम्मत्त-सम्मामि० विह० अविह० ओघमंगो। एवं कम्मइय० । णवरि, अणंताणुबंधिचउक. अविह० केत्ति० असंखेजा। उब्धियमिस्स० मिच्छत्त० विह० केत्ति० असंखेजा । अविह० के० ? संखेजा। सम्मत्त-सम्मामि०-अणंताणु०चउक्क० विह० अविह० केसि ? असंखेजा। पारसक०-णवणोकसाय० विह० केत्ति० १ असंखेजा।
६१७४.वेदाणुवादेण इत्थिवेदएसु मिच्छत्त-अटक०-णवुस० विह० के० १ असंखेजा। अविह० संखेजा । सम्मत्त-सम्मामि०-अणंताणु०चउक्क० विह० अविह० के० ? असंखेजा। चत्तारिसंजलण-अहणोक० विह० के० ? असंखेजा । पुरिसद० पंचिंदियभंगो। णपरि, चत्तारिसंज-पुरिस० विह० के० ? असंखेजा । णवूसयवेदेसु मिच्छत्त-सम्मत्त-सम्मामि०-अणंताणु०चउक्क. तिरिक्खोघभंगो । अट्ठक०-इत्थिवेद० . विह० के० १ अणंता । अविह० के० ? संखेजा । चत्तारिसंजलण-अहणोकसाय जीवोंमें मिथ्यात्व, सोलह कषाय और नौ नोकषायोंकी विभक्तिवाले जीव कितने हैं ? अनन्त हैं। तथा अविभक्तिवाले जीव कितने हैं ? संख्यात हैं। सम्यक्प्रकृति और सम्यग्मिध्यात्वकी विभक्ति और अविभक्तिवाले जीवोंका परिमाण ओघके समान है।
इसी प्रकार कार्मणकाययोगी जीवोंके जानना चाहिये । इतनी विशेषता है कि अनन्तानुबन्धीचतुष्ककी अविभक्तिवाले कार्मणकाययोगी जीव कितने हैं ? असंख्यात हैं । वैक्रियिकमिश्रकाययोगी जीवोंमें मिथ्यात्वकी विभक्तिवाले जीव कितने हैं ? असंख्यात हैं। तथा अविभक्तिवाले जीव कितने हैं ? संख्यात हैं। सम्यक्प्रकृति, सम्यमिथ्यात्व और अनन्तानुबन्धी चतुष्ककी विभक्तिवाले और.अविभक्तिवाले जीव कितने हैं ? असंख्यात हैं। बारह कषाय और नौ नोकषायोंकी विभक्तिवाले जीव कितने हैं ? असख्यात हैं।
६१७४.वेदमार्गणाके अनुवादसे खीवेदियोंमें मिथ्यात्व, आठ कषाय और नपुंसकवेदकी विभक्तिवाले जीव कितने हैं ? असंख्यात हैं । तथा अविभक्तिवाले जीव संख्यात है। सम्य
प्रकृति, सम्यमिथ्यात्व, और अनन्तानुबन्धी चतुष्ककी विभक्ति और अविभक्तिवाले जीव कितने है ? असंख्यात हैं। चार संज्वलन और आठ नोकषायोंकी विभक्तिवाले जीव कितने हैं ? असंख्यात हैं। पुरुषवेदी जीवोंका परिमाण पंचेन्द्रियोंके समान है । इतनी विशेषता है कि पुरुषवेदी जीवोंमें चार संज्वलन और पुरुषवेदकी विभक्तिवाले कितने जीव है ? असंख्यात है। नपुंसकवेदी जीवोंमें मिथ्यात्व, सम्यक्प्रकृति, सम्यमिथ्यात्व और अनन्तानुबन्धी चतुष्ककी विभक्ति और अविभक्तिकी अपेक्षा परिमाण तिर्यंच ओघके समान है ।आठ कषाय और स्त्रीवेदकी विभक्तिवाले कितने जीव हैं ? अनन्त है । तथा अविभक्तिवाले कितने जीव हैं। संख्यात हैं। चार संज्वलन और आठ नोकषायोंकी विभक्तिवाले जीव अनन्त हैं । अपगतवेदी जीवोंमें चौबीस प्रकृतियोंकी विभक्तिवाले कितने जीव है ?
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