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गा० २२ ]
पयडिहाणबिहत्तीए कालो लिकालो रतिको चेच, कारने सुगमे ।
* चउवासविहत्ती केवचिरं कालादो ? जहण्णेण अंतोमुहुसं ।
२८३.कुदो ? अहापाससंतकम्मियस्स सम्माइहिस्स अणंताणुपंधिचउकं विसंजोइय चाऊबीसाविहत्तीए आदि कादण सवजहण्णंतोमुहुत्तमच्छिय खविदमिच्छत्तस्स चउवीसविहचीए जहण्णकालुबलंभादो।
_* उक्कस्सेण घे-छावहि-सागरोवमाणि सादिरेयाणि । ... $२८४. कुदो ? छब्बीससंतकम्मियस्स लांतवकाविहमिच्छाइष्टिदेवस्स चोदससागोषमाउहिदियस्स तत्थ पढमे सामरे अंतोमुहुत्तावसेसे उनसमसम्मत्तं पडिपजिय सध्यलड्डुएण कालेण अणताणुवंधिचउकं बिसंजोइय चउचीसविहत्तीए आदि कादृष सन्धुकस्समुवसमसम्मत्तद्धमच्छिय विदियसागरोवमपढमसमए वेदगसम्मत्तं पडिवजिय तेरससायरोवमाणि सादिरेषाणि सम्मत्तमशुपालेदूण कालं कादण पुन्चकोडाउअमणुस्से. सुक्कजिय पुणो एदेण मणुस्साउएणूणवावीससागरोवमाउछिदिएसु देवेसुधपञ्जिय पुणो काल है । उत्कृष्ट कालकी विवक्षा करनेपर तेईस प्रकृतिक स्थानका उत्कृष्ट काल भी इतना ही होता है। जघन्य और उत्कृष्ट दोनों कालोंके समान होनेका कारण सुगम है।
* चौबीस प्रकृतिक स्थानका कितना काल है ? जघन्य काल अन्तर्मुहूर्त है। ६२८३. शंका-चौबीस प्रकृतिक स्पानका जघन्य काल अन्तर्मुहुर्त क्यों है ?
समाधान-जिसके प्रारंभमें अट्ठाईस प्रकृतियोंकी सचा पाई जाती है पश्चात् जिसने अनन्सानुषन्धी चतुष्कका बिसंयोजन करके चौबीस प्रकृतिक स्थानको प्रारंभ किया है, और इसके अनन्सर सबसे जघन्य अन्तर्मुहूर्त कालतक वहां रहकर मिथ्यात्वका क्षय किया है ऐसे सम्यग्दृष्टि जीयके चौबीस प्रकृतिक स्थानका जघन्य काल पाया जाता है।
* चौबीस प्रकृतिक स्थानका उत्कृष्ट काल साधिक एकसौ बत्तीस सागर है।
६२८४. शंका-चौबीस प्रकृतिक स्थानका उत्कृष्ट काल साधिक एकसौ बत्तीस सागर कैसे है ?
समाधान-जिसके प्रारंभमें छब्बीस कर्मोकी सत्ता है और जो चौदह सागर आयु वाला है ऐसा लांसव और कापिष्ट स्वर्गका मिध्वादृष्टि देव जब पहले सागर में अन्तर्मुहूर्त प्रमाण आयुके शेष रहनेपर उपशमसम्यक्त्वको प्राप्त करके सबसे कम कालके द्वारा चार अनन्तानुबन्धियोंकी विसंयोजना करके चौबीस प्रकृतिक स्थानको प्रारंभ करता है और उपशम सम्यक्त्वके सबसे उत्कृष्ट कालसक उपशम सम्यक्त्वके साथ रहकर दूसरे सागरके पहले समय में वेदक सम्यक्त्वको प्राप्त करके साधिक तेरह सागर काल तक वहां सम्यक्त्वका पालन करके और मरकर पूर्वकोटि प्रमाण आयुवाले मनुष्योंमें उत्पन्न हुआ । अनन्तर वहांसे मरकर पूर्वोक्त मनुष्यायुसे कम बाईस सागर प्रमाण आयुवाले देवोंमें उत्पन्न हुआ। अनन्तर वहांसे
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