Book Title: Kasaypahudam Part 02
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh
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गो० २२ ]
पयडिट्ठाण विहत्तीए अंतराणुगमो
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१३८०, ओरालियमस्स० चउवीस एक्कवीस० अंतरं के० ? जह० एगसमओ, उक्क० मासपुधत्तं । वावीस० के० ? जह० एगसमओ, उक्क वासपुधत्तं । सेसपदाणं णत्थि अंतरं । वेउब्वियमिस्स अट्ठावीस सत्तावीस - छव्वीस अंतर केव० १ जह० एगसमओ, उक्क० बारसमुहुत्ता । चदुवीस - एक्कवीस० के० ? जह० एगसमओ, उक्क० मासपुधत्तं । वावीस० अंतर के० १ जह० एगसमओ, उक्क० वासपुधत्तं । आहार० - आहारमिस्स ० अट्ठावीस - चउवीस एक्कवीस० जह० एगसमओ, उक्क० वासधत्तं । कम्मइय० छब्बीस ० णत्थि अंतरं । अट्ठावीस सत्तावीस० जह० एगसमओ,
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होगा इसके बाद २२ विभक्तिस्थान वाले जीव नियमसे नरकमें उत्पन्न होंगे । किन्तु नरक में वहां सम्भव शेष विभक्तिस्थानोंका अन्तर काल नहीं पाया जाता है। पहली पृथिवी से लेकर सर्वार्थसिद्धि तक ऊपर और जितनी मार्गणाएं गिनाई हैं उनमें भी इसीप्रकार जानना चाहिये | किन्तु सर्वार्थसिद्धि में २२ विभक्तिस्थानका उत्कृष्ट अन्तर पल्यके असंख्यातवें भागप्रमाण होता है । इसका यह तात्पर्य है कि यदि कृतकृत्यवेदक सम्यग्दृष्टि जीव मरकर सर्वार्थसिद्धिमें उत्पन्न न हो तो असंख्यात वर्ष तक नहीं होता इसके बाद अवश्य उत्पन्न होता है । दूसरी पृथिवीसे लेकर नीललेश्यातक ऊपर और जितनी मार्गणाएं गिनाई है उनमें अन्तर काल नहीं है । तथा लब्ध्यपर्याप्तक मनुष्योंका जो जघन्य और उत्कृष्ट अन्तर काल है वही उनमें २८, २७ और २६ विभक्तिस्थानोंका अन्तर काल जानना चाहिये ।
१३८०. औदारिक मिश्रकाययोगमें चौबीस और इक्कीस विभक्तिस्थानवाले जीवोंका अन्तरकाल कितना है ? जघन्य अन्तरकाल एक समय और उत्कृष्ट अन्तरकाल मास पृथक्त्व है । बाईस विभक्तिस्थानवाले जीवोंका अन्तरकाल कितना है ? जघन्य अन्तरकाल एक समय और उत्कृष्ट अन्तरकाल वर्षपृथक्त्व है । औदारिकमिश्रकाययोगमें शेष पदोंका अन्तरकाल नहीं पाया जाता है। वैक्रियिकमिश्रकाययोगमें अट्ठाईस, सत्ताईस और छब्बीस विभक्तिस्थानवाले जीवोंका अन्तरकाल कितना है ? जघन्य अन्तरकाल एक समय और उत्कृष्ट अन्तरकाल बारह मुहूर्त है । तथा चौबीस और इक्कीस विभक्तिस्थानवाले जीवोंका अन्तरकाल कितना है ? जघन्य अन्तरकाल एक समय और उत्कृष्ट अन्तरकाल मासपृथक्त्व है। बाईस विभक्तिस्थानवाले जीवोंका अन्तरकाल कितना है ? जघन्य अन्तरकाल एक समय और उत्कृष्ट अन्तरकाल वर्षपृथक्त्व है । आहारककाययोग और आहारकमिश्रकाययोगमें अट्ठाईस, चौबीस, और इक्कीस विभक्तिस्थानवाले जीवोंका जघन्य अन्तरकाल एक समय और उत्कृष्ट अन्तरकाल वर्षपृथक्त्व है । कार्मणकाययोग में छब्बीस विभक्तिस्थानवाले जीवोंका अन्तरकाल नही पाया जाता है। अट्ठाईस और सत्ताईस बिभ
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