Book Title: Kasaypahudam Part 02
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh
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गा० २२ ] पयडिट्ठाणविहत्तीए अप्पाबहुप्राणुगमो
३७७ वीसवि० संखेजगुणा, 'घउवीसवि० संखेजगुणा, सत्तावीसवि० असंखेजगुणा, अहावीसवि. असंखे० गुणा, छव्वीसवि. असंखे० गुणा। एवं मणुसपज०, णवरि संखजगुणं कायव्वं । मणुस्सिणीसु सव्वत्थोवा एगविहत्तिया, दुवि० विसेसा०, तिवि० विसे०, एक्कारसवि. विसे०, बारसवि. विसे०, चदुवि० संखे० गुणा, तेरसवि० संखे० गुणा, बावीसविह० संखे० गुणा, तेवीसवि० विसेसा०, एकवीसवि० संखेजगुणा, चउवीसवि० संखेजगुणा, सत्तावीसविह० संखे० गुणा, अहावीसवि० संखे० गुणा, छव्वीसवि० संखे० गुणा ।। ___४१०. आणदादि जाव उवरिमगेवजे ति सव्वत्थोवा वावीसवि०, सत्तावीसवि० असंखे० गुणा, छव्वीसवि० असंखे० गुणा, एक्कावीसवि० संखे० गुणा, चउवीसवि० संखे० गुणा, अट्ठावीसवि० संखे० गुणा । अणुद्दिसादि जाव अवराइदत्ति सव्वत्थोवा बाबीसवि०, एक्कवीसवि० असंखे० गुणा, चउवीसवि० संखे० गुणा, क्तिस्थानवाले जीव असंख्यातगुणे हैं। इनसे अट्ठाईस विभक्तिस्थानवाले जीव असंख्यातगुणे हैं। इनसे छब्बीस विभक्तिस्थानवाले जीव असंख्यातगुणे हैं। इसीप्रकार पर्याप्त मनुष्यों में अल्पबहुत्वका कथन करना चाहिये। इतनी विशेषता है कि सामान्य मनुष्योंमें सत्ताईस, अट्ठाईस और छब्बीस स्थानवाले उत्तरोत्तर असंख्यातगुणे हैं। पर पर्याप्तमनुष्योंमें उक्त स्थानवाले जीवोंको उत्तरोत्तर संख्यातगुणे कहना चाहिये । स्त्रीवेदी मनुष्योंमें एक विभक्तिस्थानवाले जीव सबसे थोड़े हैं। इनसे दो विभक्तिस्थान वाले जीव विशेष अधिक हैं। इनसे तीन विभक्तिस्थानवाले जीव विशेष अधिक हैं। इनसे ग्यारह विभक्तिस्थानवाले जीव विशेष . अधिक हैं । इनसे बारह विभक्तिस्थानवाले जीव विशेष अधिक हैं। इनसे चार विभक्तिस्थानवाले जीव संख्यातगुणे हैं। इनसे तेरह विभक्तिस्थानवाले जीव संख्यातगुणे हैं । इनसे बाईस विभक्तिस्थानवाले जीव संख्यातगुणे हैं। इनसे तेईस विभक्तिस्थान वाले जीव विशेष अधिक हैं । इनसे इक्कीस विभक्तिस्थानवाले जीव संख्यातगुणे हैं। इनसे चौबीस विभक्तिस्थानवाले जीव संख्यातगुणे हैं । इनसे सत्ताईस विभक्तिस्थानवाले जीव संख्यातगुणे हैं। इनसे अट्ठाईस विभक्तिस्थान वाले जीव संख्यातगुणे हैं। इनसे छब्बीस विभक्तिस्थानवाले जीव संख्यातगुणे हैं।
४१०. आनतकल्पसे लेकर उपरिम प्रैवेयक तकके देवोंमें बाईस विभक्तिस्थानवाले जीव सबसे थोड़े हैं। इनसे सत्ताईस विभक्तिस्थानवाले जीव असंख्यातगुणे हैं। इनसे छब्बीस विभक्तिस्थानवाले जीव असंख्यातगुणे हैं। इनसे इक्कीस विभक्तिस्थानवाले जीव संख्यातगुणे हैं। इनसे चौबीस विभक्तिस्थानवाले जीव संख्यातगुणे हैं। इनसे अट्ठाईस विभक्तिस्थानवाले जीव संख्यातगुणे हैं। अनुदिशसे लेकर अपराजित तकके देवोंमें बाईस विभक्तिस्थानवाले जीव सबसे थोड़े हैं। इनसे इक्कीस विभक्तिस्थानवाले जीव
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