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अयधवलासहिंदे कसायपाहुडे
[पयडिविहत्ती २ सम्मत्तेण वावीसाए विहत्ती ।। ६२२०. पुव्वुत्तएक्कवीसकम्माणि सम्मत्तण बावीसाए हाणं होदि ।
सम्मामिच्छत्तेण तेवीसाए विहत्ती। ६२२१. पुव्वुत्तबावीसकम्मेसु सम्मामिच्छत्तेण सहिदेसु तेवीसाए हाणं होदि । श्रमिच्छत्तेण चदुवीसाए विहत्ती। २२२. पुव्वुत्ततेवीसकम्माणि मिच्छत्तेण सह चउवीसाए हाणं होदि ।
अट्ठावीसादो सम्मत्तसम्मामिच्छत्तसु अवणिदेसु छव्वीसाए विहत्ती। ६२२३. मोहटावीससंतकम्मिएण सम्मत्त-सम्मामिच्छत्तेसु उव्वेल्लिदेसु छव्वीसाए द्वाणं होदि ।
तत्थ सम्मामिच्छत्ते पक्खित्ते सत्तावीसाए विहत्ती । ३२२४.तत्थ छब्बीसपयाडिहाणम्मि सम्मामिच्छत्ते पक्खित्ते सत्तावीसाए हाणं होदि।
सव्वाओ पयडीओ अट्ठावीसाए विहत्ती । *सम्यक्त्वप्रकृतिके साथ वाईस प्रकृतिक विभक्तिस्थान होता है। ६२२०.पूर्वोक्त इकीस कर्मोमें सम्यक्त्वप्रकृतिके मिला देनेसे बाईसप्रकृतिक विभक्तिस्थान होता है।
*सम्यग्मिथ्यात्वके साथ तेईसप्रकृतिक विभक्तिस्थान होता है।
६२२१.पूर्वोक्त बाइस कमों में सम्यान्मध्यात्व कर्मके मिला देने पर तेईसप्रकृतिक विभक्तिस्थान होता है।
*मिथ्यात्वके साथ चौबीसप्रकृतिक विभक्तिस्थान होता है।
२२२. पूर्वोक्त तेईस कोंमें मिथ्यात्वके मिला देनेपर चौबीसप्रकृतिक विभक्तिस्थान होता है।
*मोहनीयके अट्ठाईस भेदोंमेंसे सम्यक्त्वप्रकृति और सम्यग्मिथ्यात्वके निकाल देने पर छवीसप्रकृतिक विभक्तिस्थान होता है।
६२२३.जिसके मोहनीयकी अट्ठाईस प्रकृतियोंकी सत्ता है वह जब सम्यक्त्वप्रकृति और सम्यग्मिथ्यात्वकी उद्वेलना कर देता है तब उसके छब्बीसप्रकृतिक विभक्तिस्थान होता है।
*उसमें सम्यग्मिथ्यात्वके मिला देनेपर सत्ताईसप्रकृतिक विभक्तिस्थान होता है।
६२२४. उसमें अर्थात् छब्बीसप्रकृतिक सत्वस्थानमें सम्यग्मिथ्यात्वके मिला देने पर • सत्ताईसप्रकृतिक विभक्तिस्थान होता है ।
#मोहनीयकी संपूर्ण प्रकृतियां अहाईसप्रकृतिक विभक्तिस्थान होता है।
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