Book Title: Kasaypahudam Part 02
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh
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जयघवलासहिदे कसायपाहुडे . [पयडिविहत्ती २ पयडीणं जे विहत्तिया तेसिं को भावो ? ओदइओ भावो। कुदो ? संतेसु वि अवसेसभावेसु तेसु विवक्खाभावादो।
एवं भावो समत्तो १८७६ अप्पाबहुगाणुगमेण दुविहो णिदेसो, ओघेण आदेसेण य । तत्थ ओघेण सत्थाणपाबहुअं वत्तइस्सामो। तं जहा, सव्वत्थोवा छव्वीसंपयडीणं अविहतिया, विहत्तिया अणंतगुणा । के ते ? उवसंतकसायप्पहुडि जाव मिच्छादिष्टि त्ति । सम्मत्त-सम्मामिच्छत्ताणं सवथोवा विहत्तिया । के ते ? अष्टावीस-सत्तावीस-चउबीससंतकम्मिया तेवीस-बावीससंतकम्मिया च । अविहत्तिया अणंतगुणा । के ते ? छव्वीस-एकवीस संतकम्मियप्पहुडि जाव सिद्धा त्ति । एवं कायजोगि-ओरालिय०-ओरालिमिस्स०उनमें से ओधकी अपेक्षा सब प्रकृतियोंकी विभक्तिवाले जीवोंके कौन भाव है ? औदयिक भाव है, यद्यपि उनके अन्य भाव भी रहते हैं किन्तु यहां उनकी विवक्षा नहीं है।
इसप्रकार भावानुगम समाप्त हुआ। ६१८७.अल्पबहुत्वानुगमकी अपेक्षा निर्देश दो प्रकारका है-ओघनिर्देश और आदेशनिर्देश। उनमेंसे ओपनिर्देशकी अपेक्षा स्वस्थान अल्पबहुत्वको बतलाते हैं। वह इसप्रकार है-छब्बीस प्रकृतियोंकी अविभक्तिवाले जीव सबसे थोड़े हैं। इनसे छब्बीस प्रकृतियोंकी विभक्तिवाले जीव अनन्तगुणे हैं।
शंका-छब्बीस प्रकृतियोंकी विभक्तिवाले जीव कौनसे हैं ?
समाधान-उपशान्तकषायसे लेकर मिथ्यादृष्टि तकके जीव छब्बीस प्रकृतियोंकी विभक्तिवाले होते हैं।
सम्यकप्रकृति और सम्यक्मिथ्यात्वकी विभक्तिवाले जीव सबसे थोड़े हैं । शंका-सम्यक्प्रकृति और सम्यग्मिथ्यात्वकी विभक्तिवाले जीव कौनसे हैं ?
समाधान-जिनके अट्ठाईस, सत्ताईस, चौबीस, तेईस और बाईस प्रकृतियोंकी सत्ता पाई जाती है वे सम्यक्प्रकृति और सम्यमिथ्यात्वकी विभक्तिवाले जीव हैं । ___ सम्यक्प्रकृति और सम्यग्मिथ्यात्वकी विभक्तिवाले जीवोंसे इन दो प्रकृतियोंकी अविभक्तिवाले जीव अनन्तगुणे हैं ? __ शंका-जिनके सम्यक्प्रकृति और सम्यगमिथ्यात्वकी विभक्ति नहीं पाई जाती है वे जीव कौनसे हैं ?
समाधान-छब्बीस प्रकृतिवाले जीव और इक्कीस प्रकृतिवाले जीवोंसे लेकर सिद्ध जीवों तकके सब जीव उक्त दो प्रकृतियोंकी अविभक्तिवाले हैं।
इसी प्रकार काययोगी, औदारिककाययोगी, औदारिकमिश्रकाययोगी, कार्मणकाययोगी और नपुंसकवेदी जीवोंके कथन करना चाहिये । इतनी विशेषता है कि नपुंसकवेदमें आठ
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