Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 01
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र ११८ अल्पबहुत्वद्वारनिरूपणम् ५०५ द्रव्य (वठ्ठयाए) द्रव्यार्थता की अपेक्षा (सव्वत्थोवाइं) सर्वस्तोक हैं। (अणाणुपुब्बीदव्वाइं) अनानुपूर्वीद्रव्य (दव्वट्टयाए) द्रव्यार्थता की अपेक्षा (विसेसोहिआई) विशेष अधिक हैं। (आणुपुत्वीदवाई ) आनुपूर्वीद्रव्य (दव्ययाए) द्रव्यार्थता की अपेक्षा (असंखेज्जगुणाई) असंख्यात गुणे हैं । (पएसट्टयाए) प्रदेशार्थताकी अपेक्षा (णेगमववहाराणं) नैगम व्यवहारनय संमत (अणाणुपुव्वी दवाई) अनानुपूर्वी द्रव्य (सव्यस्थो. वाई सर्वस्तोक हैं। क्योंकि (अपएसट्टयाए) अनानुपूर्वीद्रव्य में प्रदेशरूप अर्थ का अभाव है । तात्पर्य यह है, कि परमाणु रूप अनानुपूर्वी द्रव्यों में भी यदि वितीय आदि प्रदेश हो तो द्रव्यार्थता की तरह प्रदेशार्थता में भी अवक्तव्यकद्रव्यों की अपेक्षा से उनकी अधिकता हो जाती। परन्तु ऐसा तो है नहीं, क्योंकि परमाणु अप्रदेशी होता है। ऐसा सिद्धान्त का वचन है इसलिये प्रदेशता की अपेक्षा से ये अनानुपूर्वी द्रव्य
सर्वस्तोक कहे गये हैं। (अवतव्वगव्वाई) अवक्तव्यक द्रव्य (पएसयाए) प्रदेशार्थता की अपेक्षा (विसेसाहियाइं) विशेष अधिक है। (आणु पुन्वी दवाइं) आनुपूर्वी द्रव्य (पएसट्टयाए) प्रदेशार्थता की अपेक्षा (असं. खेज्जगुणाई) असंख्यात गुणे हैं । (दव्वटुपएसट्टयाए) द्रव्यार्थता और. (सम्वत्थोवाइं) सौथी ५८५ प्रभावमा छे. (अणाणुपुव्वी व्वाई दव्वट्ठयाए विसेसाहियाई) न्याय तानी अपेक्षा विया२ ४२वामां आवे तो मनानुभवी द्रव्ये। अत०५४ ०। ४२di विशेषाधि: छ. (धाणुपुव्वीदवाई दव्वद्वयाए पसंखेज्जगुणाई) अने द्रयार्थानी अपेक्षा मानुषी द्रव्ये! अनानुभूती द्र०यो ४२ai ye nभ्यात अgi . (पएण्ट्टयाए) प्रदेशातानी अपेक्षाको विया ४२वामां माता (णेगमववहाराणं) नेगमयवहा२ नयस मत (भणाणुपुत्वीदव्वाई) मनानुपूवी द्रव्ये (सव्वत्योवाई) सौथा छछे, ४२ । (अपएपदयाए) मनानुनी प्रयमा प्रदेश३५ मन मा . म. बनना ભાવાર્થ એ છે કે પરમાણુ રૂપ અનાનુપૂર્વી દ્રવ્યમાં પણ જે બે આદિ પ્રો. શેને સદ્દભાવ હેત તે દ્રવ્યાર્થતાની જેમ પ્રવેશાર્થતાની અપેક્ષાએ પણ અવકતવ્યક દ્રવ્ય કરતાં અનાનુપૂવ દ્રવ્યની અધિકતા જ સંભવી શકત, પરતુ એવી વાતને તે અહીં અવકાશ નથી, કારણ કે પરમાણુ અપ્રદેશી હોય છે, એવું સિદ્ધાન્તનું વચન છે. તેથી જ પ્રદેશાથતાની અપેક્ષાએ मनानुपूर्वी द्रव्यने सस्तो (सीथी भ६५ प्रभा) ४ . (अवत्तगव्वाइं) भ१४त०५४ द्रव्ये (पएसटुयाए) प्र.शाय'तनी अपेक्षा मानुषी द्रव्यो Rai विशेषाधि 2. (आणुपुत्वीदलवाई पएसदयाए असंखेज्जगुणाई) प्र.
म० ६५
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