Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 01
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र १४८ प्रकारान्तरेण त्रिनामनिरूपणम् ६६९ कथयिष्यामि ॥३॥ अथ पुंल्लिङ्गशब्दोदाहरणमाह-राया' इति आकारान्तः शब्दो बोध्यः । 'गिरी' 'सिहरी' च शब्दौ ईकारान्तौ । 'विण्हू' इति ऊकारान्तः 'दुमो' इति ओकारान्तः। एते पुल्लिङ्गशब्दाः ॥४॥ अथ स्त्रीलिङ्गशब्दोदाहरणान्याह'माला' इति आकारान्तः शब्दः। 'सिरीलच्छी' शब्दौ ईकारान्तौ । 'जंबू बहू' शब्दौ च ऊकारान्तौ। आकारान्ता ईकारान्ता ऊकारान्ताश्च मालादयः शब्दाः स्त्रीलिङ्गा बोध्याः ॥५॥ अथ नपुंसकलिङ्गशब्दोदाहरणान्याह-'अंकारं तं धनं' माने गये हैं। (एतेसि तिण्हपि य एतो गिदंसणे वोच्छामि) अब मैं यहां से आगे इन तीनों के उदाहरण कहता हूँ-(आगारंतो राया, ईगा. रंतो गिरी, य सिहरी य, ऊगारंतो विण्हू दुमो य अंतो उ पुरिसार्ण) "राया" यह पुल्लिङ्गके आकारान्त शब्द का उदाहरण है "गिरी" एवं "सिहरी" ये दो शब्द पुल्लिङ्ग, के ईकोरान्त शब्द के उदाहरण हैं। "विण्हू" यह पुल्लिङ्ग के ओकारान्त शन्द का उदाहरण है । और "दुमो" यह पुल्लिङ्गके ऊकारान्त शब्द को उदाहरण हैं। (इस्थीण) स्त्रीलिङ्ग शब्द के उदाहरण ये हैं-(आगारंता माला) आकारान्त "माला" शब्द (ईगारंता) ईकारान्त (सिरी य लच्छी य) "सिरी" और "लच्छी" ये दो शब्द (ऊगारंता जंबू बहूय) ओकारांत "जंबू" और "बहू" ये दो शब्द । इस प्रकार आकारान्त, ईकारान्त और ऊकारान्त मालादिकशब्द स्त्रीलिङ्ग जानना चाहिये । अब सूत्रकार नपुंसकलिङ्ग शब्दों के उदाहरण सविना नामी गवामा मात्र छ. (एतेसिं तिहपि य एतो णिसणे वोच्छामि) वे मात्रणे दिन पहोना GK२ऐ। मामा मावे हैं(आगारंतो राया, ईगारंतो गिरी, य सिहरी य, ऊगारंतो विहू, ओगारंतो दुमो, अंतो उ पुरिमाणं) पुदिना मारान्त पर्नु २ "शया" (२11), छ. "गिरी" (गिरि) भने " सिहरी" (शिमरी) मा मे पहारान्त नतिन पह! छ. “विण्हू (A) " मा ५४ सन्त नतिन ५६ छ. " दुमो (वृक्ष, दुम)" प्रात ५४ ४.२!-नातिनु ५४ छे. (इत्थीण) श्रीlan (
नातिनi) पहाना नीय प्रभा २ -(आगारंता माला) " भाता" मा ५४ मा सन्त नारीमतिनु छ, (ईगारंता सिरी य लच्छी य " सिरी" मने " लच्छी" मा में प्रात पह! शत-नारी
तिनi पहेछे, (ऊगारंता जंबू, बहूय) "भू" मने "म" मा में પદે ઊકારાન્ત નારીજાતિનાં પદે છે. આ પ્રકારે આકારાન્ત, ઈકારાન્ત અને ઊકારાન્ત માલા આદિ પદેને સ્ત્રીલિંગ સમજવા જોઈએ હવે સૂત્રકાર નપુંસક
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