Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 01
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र १५२ औदयिकादिभावानां स्वरूपनिरूपणम् ६८५ तत्र-जीवोदयनिष्पन्नः-जीवे उदयेन निष्पन्नः। औदयिकभावोऽनेकविधःमज्ञप्तः । अनेकविधत्वमेवाह-'णेरइए' इत्यादि। नैरयिकादिरसिद्धान्तो जीवोदयनिष्पन्न औदायिको भावो बोध्यः। नैरयिकादयः शब्दा भावपरा बोध्याः। नारकत्वादयः पर्यायाः कर्मणामुदयेनैव जीवे निष्पद्यन्ते इत्यत एते जीवोदयनिष्पन्ना इति भावः।
उत्तर-(उदयनिष्फण्णे-दुविहे पण्णत्ते) उदयनिष्पन्न दो प्रकार का कहा गया है । (तं जहा) वे दो प्रकार ये हैं-(जीवोदयनिष्फणे य अजीवोदयनिष्फण्णे य)-एक जीवोदय निष्पन्न और दूसरा अजीवोदय. निष्पन्न । (से किं तं जीवोदयनिष्फण्णे ?) हे भदन्त ! जीव में उदय से जो भाव निष्पन्न होता है वह क्या है ?
उत्तर-(जीवोदयनिष्फण्णे अणेगविहे पण्णत्ते) जीव में उदय से जो औदयिक भाव निष्पन्न होता है वह अनेक प्रकार का कहा है (तं जहा) जैसे-(णेरहए, तिरिक्खजोणीए, मणुस्से, देवे, पुढविकाइए जाव तसकाइए, कोहकसाई, जाव लोहकसाई, इत्थीवेदए, पुरिसवेदए, णपुंसगवेदए, कण्हलेसे, जाव सुक्कलेसे मिच्छादिही, सम्मदिट्ठी मीसदिट्टी, अविरए, असण्णी, अण्णाणी, आहारए, छउमत्थे, सजोगी, संसारस्थे, असिद्धे) नैरयिक, तियग्योनिक, मनुष्य, देव, पृथिवीकायिक यावत् प्रसकायिक, क्रोधकषायी, यावत् लोभकषायी, स्त्रीवेदक, पुरुषवेदक, नपुंसकवेदक, कृष्णलेश्या, यावत् शुक्ललेश्या, मिथ्यादृष्टि, सम्यकूदृष्टि,
उत्तर-(उदयनिष्फण्णे दुविहे पण्णत्ते) यनि-प-नना में ॥२ ५ . (तजहा) ते प्रा। नीय प्रमाणे -(जीवोदयनिप्फण्णे य, अजीवोदयनिष्फण्णे य) (१) वय निपन्न, (२) १७वाय नि०५-न.
प्रश्न-(से कि त जीवोदयनिष्फण्णे?) अपान् ! म यथा २ ભાવ નિષ્પન્ન થાય છે, તે ભાવનું સ્વરૂપ કેવું હોય છે?
उत्तर-(जीवोदयनिष्फण्णे अणेगविहे पणत्ते) मा यथा रे मोयि:मा ५-न थाय छ, ते भने २ सय छ (जहा) भ .....(णेरइए, तिरिक्खजोणीए, मणुस्से, देवे, पुढविकाइए जाव तसकाइए, कोह कसाई आव लोहकसाइ, इत्थीवेदए, पुरिसवेदए, णपुंसगवेदए, कण्हलेसे जाप सुक्कलेसे, मिच्छादिट्ठी, सम्मदिट्ठी, मीसदिट्ठी, अविरए, असण्णी, अण्णाणी, आहा. रए, छउमत्थे, सजोगी, संसारत्थे, अमिद्धे) ना२४, तिय योनि, मनुष्य, ३५, પૃથ્વીકાયિક આદિ સ્થાવર, ત્રસકાયિક, ધકષાયથી લઈને લેભકષાયી પર નના, સ્ત્રીવેદક, પુરુષવેદક, નપુંસકઇક, કૃષ્ણસ્યાથી લઈને શુભેચ્છા
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