Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 01
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र १४५ द्विनामादिस्वरूपनिरूपणम् एकाक्षरिकं च अनेकाक्षरिकं च। तत्रैकाक्षरिकम्-एकं च तदक्षरं चेति एकाक्षरम्, तेन निवृत्तमेकाक्षरिकम् , तद्धि-ही-लज्जा, श्रीः-लक्ष्मीः, धीः-बुद्धिा, इत्यादिकमे. काक्षरिकं द्विनाम बोध्यम् । तथा-अनेकाक्षरिकम्-अनेकानि च तान्यक्षराणि-अने. काक्षराणि तैनित्तमनेकाक्षरिकम, तद्धि-कन्या वीणा लता मालेत्यादिकमने. काथरिकं द्विनाम बोध्यम् । एवं 'बलाका पत्ताका' इत्यादि व्याधक्षरनिष्पामपि
उत्तर-(दुनामे दुविहे पण्णत्ते) दिनाम-द्विविधनाम-दो प्रकार का है। यहां द्विनाम का तात्पर्य दो प्रकार के नाम से है। दो प्रकार का जो नाम है वह द्विनाम है (तं जहा) नाम के दो प्रकार ये है-(एगक्सरिए य अणेगक्खरिए य) एकाक्षरिक और अनेकाक्षरिक एक अक्षर से जो नाम निष्पन्न हो वह एकाक्षरिक नाम है और जो अनेक अक्षरों से निष्पन्न होता है वह अनेकाक्षरिक नाम है। जैसे 'ही' लज्जा, 'श्री' लक्ष्मी, 'धी' बुद्धि, स्त्री, ये सब एकाक्षरिक दिनाम हैं। कन्या, वीणा, लता, माला ये सब अनेकाक्षरिक द्विनाम हैं। यही बात (से कितं एगक्खरिए ? एगक्खरिए अणेगविहे पण्णते,) तं जहा-ही, सी, थी, थी, से तं एगक्खरिए-से किं तं अणेगक्खरिए ? अणेगक्खरिए-अणेगविहे पण्णत्ते-तं जहा-कण्णा, वीणा, लया, माला, से तं अणेगक्खरिए) इस सूत्रपाठ द्वारा प्रश्नोत्तरपूर्वक सूत्रकारने प्रदर्शित की है। इसी प्रकार "घलाका पताका" इन तीन अक्षरों से निष्पन्न हुआ नाम
उत्तर-(दुनामे दुविहे पण्णत्ते) द्विनाम-aqधनाम मे २४ -ms હિનામ પદ બે પ્રકારના અર્થમાં વપરાયું છે. તેથી બે પ્રકારનું જે નામ છે. तनु नाम दिनाम छे. (तंजहा) नामना मे प्रा। नीय प्रभा छ-(एगा. रिए य अणेगक्षरिए य) (१) ARI मन (२) भनेक्षe नाममा અક્ષર વડે નિષ્પન્ન થાય છે, તે નામને એકાક્ષરિક નામ કહે છે અને જે નામ અનેક અક્ષરે વડે નિષ્પન્ન થાય છે, તેને અનેકાક્ષરિક નામ કહે છે,
भ, "ही" (asen), " श्री" (AEभी), “धी" भुद्धि, 'श्री' આદિ એકાક્ષરિક દ્વિનામ છે. કન્યા, વીણા, લતા, માલા, આદિ અનેકાક્ષરિક દ્વિનામ છે. એજ વાત સૂત્રકારે આ સૂત્રપાઠ દ્વારા પ્રશ્નોત્તરપૂર્વક પ્રકટ કરી છે
(से किं त' एगखरिए ? एगक्खरिए भणेगविहे पण्णत्ते, तजहा-ही, सी, पी, थी, से त एगक्खरिए । से किं त अणेगवरिए ? अणेगखरिए अणेगविहे एण्णत्ते-तजहा-कण्णा, वीणा, ख्या, माला, से त अणेगक्चरिए) । सूत्रानो सावार्थ ५२ ४२वामा भाये। छ. मेरा प्रमाणे "बळाका,
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