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२. १५-२०.] इन्द्रियों की संख्या, भेद-प्रभेद और नाम-निर्देश
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उत्तर--जिससे मुख्यतया जीवन-यात्रोपयोगी ज्ञान हो वह ज्ञानेन्द्रिय और जिससे जीवन-यात्रोपयोगी आहार, विहार, निहार आदि क्रिया हो वह कर्मेन्द्रिय है । १५ ।
पाँचों इन्द्रियों के द्रव्य और भाव रूप से दो-दो भेद है। पुद्गलमय जड इन्द्रिय द्रव्येन्द्रिय है और आत्मिक परिणामरूप इन्द्रिय भावेन्द्रिय है । १६ ।
द्रव्येन्द्रिय निर्वृत्ति और उपकरण रूप से दो प्रकार की है। शरीर पर दीखनेवाली इन्द्रियों की पुद्गलस्कन्धों की विशिष्ट रचना के रूप मे जो आकृतियाँ है उनको निर्वृत्ति-इन्द्रिय तथा निर्वृत्ति-इन्द्रिय की बाहरी व भीतरी पौद्गलिक शक्ति को उपकरणेन्द्रिय कहते है जिसके बिना निर्वृत्ति-इन्द्रिय ज्ञान पैदा करने में असमर्थ है । १७ ।
भावेन्द्रिय के भी लब्धि और उपयोग ये दो प्रकार है । मतिज्ञानावरणीयकर्म आदि का क्षयोपशम जो एक प्रकार का आत्मिक परिणाम है वह लब्धीन्द्रिय है । लब्धि, निर्वृत्ति तथा उपकरण इन तीनों के मिलने से जो रूपादि विषयों का सामान्य और विशेष बोध होता है वह उपयोगेन्द्रिय है । उपयोगेन्द्रिय मतिज्ञानरूप तथा चक्षु-अचक्षु दर्शनरूप है । १८ ।
मतिज्ञानरूप उपयोग जिसे भावेन्द्रिय कहा गया है वह अरूपी ( अमूर्त ) पदार्थो को जान सकता है पर उनके सकल गुण व पर्यायों को नही जान सकता, मात्र स्पर्श, रस, गन्ध, रूप और शब्द पर्यायों को ही जान सकता है।
प्रश्न-प्रत्येक इन्द्रिय के द्रव्य-भावरूप से दो-दो और द्रव्य के तथा भाव के भी अनुक्रम से निर्वृत्ति-उपकरणरूप तथा लब्धि-उपयोगरूप दो-दो भेद तो ज्ञात हुए, किन्तु इनका प्राप्तिक्रम क्या है ?
उत्तर-लब्धीन्द्रिय होने पर ही निर्वृत्ति सम्भव है। निर्वृत्ति के बिना उपकरण नही अर्थात् लब्धि प्राप्त होने पर निर्वृत्ति, उपकरण और उपयोग हो सकते है । इसी तरह निर्वृत्ति प्राप्त होने पर उपकरण और उपयोग तथा उपकरण प्राप्त होने पर उपयोग सम्भव है। सारांश यह है कि पूर्व-पूर्व इन्द्रिय प्राप्त होने पर उत्तर-उत्तर इन्द्रिय की प्राप्ति होती है। पर ऐसा कोई नियम नही है कि उत्तरउत्तर इन्द्रिय के प्राप्त होने पर ही पूर्व-पूर्व इन्द्रिय प्राप्त हो । १९ ।
इन्द्रियों के नाम-१. स्पर्शनेन्द्रिय ( त्वचा), २ रसनेन्द्रिय (जिह्वा), ३. घ्राणेन्द्रिय ( नासिका), ४. चक्षुरिन्द्रिय ( आँख ), ५. श्रोत्रेन्द्रिय ( कान)। पाँचों इन्द्रियों के लब्धि, निर्वृत्ति, उपकरण और उपयोग ये चार-चार प्रकार हैं
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