Book Title: Tattvarthasutra Hindi
Author(s): Umaswati, Umaswami, Sukhlal Sanghavi
Publisher: Parshwanath Vidyapith
________________
२४४
तत्त्वार्थमूत्र
अपायविचय धर्मध्यान २२६ अपापुद्गलपरावर्त १० अपूर्वकरण ५ अपेक्षा ३६ अपेक्षावाद ३६ अप्रतिघात ७३ अप्रतिरूप ९७ अप्रतिष्ठान ८५ अप्रत्यवेक्षित १८६, १८९ अप्रत्यवेक्षितनिक्षेप १५५ अप्रत्याख्यान १९७ अप्रत्याख्यानक्रिया १५२ अप्रत्याख्यानावरण १९८ अप्रमत्त १७६ अप्रमत्तभाव ७५ अप्रमत्तसंयत २२६ अप्रमाद १५७ अप्रमार्जित १८५, १८६, १८९ अप्रवीचार ९८ अप्रशस्तविहायोगति २०५ अप्राप्यकारी २३ अबद्ध १३१ अब्रह्म १४९, १५१, १७६-१७८ अभयदान १६३ अभव्यत्व ४६, ४७, ५० अभिगृहीत १९३ अभिनिबोध १३, १४ अभिमान १०४, १०६ अभिषव-आहार १८६, १९० अभीक्ष्ण अवग्रहयाचन १६८, १६९ अभीक्ष्णज्ञानोपयोग १६२ अभीक्ष्णसवेग १६३
अभ्युदय २०७ अमनस्क ५४, ५५ अमितगति ९७ अमितवाहन ९७ अमूर्त ५८, १२२, १२४ अमूर्तत्व २२९ अम्ब ८७ अम्बरीष ८७ अयन १०३ अयश १९६, १९७ अयशःकीर्ति २००, २०५ अरति १९७, २१३-२१५ अतिमोहनीय १६१, १९९ अरिष्ठ १०८ अरिहन्त १०७, १५७, १६३, २३९ अरुण १०८ अरूपत्व ५० अम्पी ११५, ११६, १४७ अर्थ १, १९, २२७-२२९ अर्थनय ४५ अर्थपद ५ अर्यावग्रह २०, २३, २४ अर्धनाराच २०५ अर्धमात्रा २२४ अर्धवज्रर्षभनाराच २०५, २२२ अर्पणा १३७ अर्पित १३६ अर्हद्भक्ति १५६ अलाभ २१३-२१५ अलिङ्ग २३९ अलोक ३२ अलोकाकाश १२०, १२३
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444