Book Title: Tattvarthasutra Hindi
Author(s): Umaswati, Umaswami, Sukhlal Sanghavi
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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२५२
केवलज्ञानी १५७
केवलदर्शन ४९, ५२, ५३, १९७ केवलदर्शनावरण ४९, १९८
केवललब्धि ५३
केवली १५६, २२७
केवलो अवर्णवाद १६०
केवली समुद्घात ८८, १२२
कौत्कुच्य १८६, १८९
क्रिया १२६, १२७, १५१ क्रियादृष्टि ४५
क्रियानय ४५
क्रोध ४९, १५१, १५५, १५९, १६९, १९७, १९८
क्रोधप्रत्याख्यान १६८
क्षणस्थायी १४६
क्षपक २३०, २३१
क्षमा २०८, २०९
क्षय ४८, ५०, १४८, २३५ क्षयोपशम १४, १७, २३, २४, ४९,
५०, १२५, १४८
क्षान्ति १५६, १५७, १६०
क्षायिक ४६-४९
श्रमिकचारित्र २३७
क्षायिकज्ञान २३६
तत्त्वार्थ सूत्र
क्षायिक दर्शन २३६
क्षायिकभाव ४९
क्षात्रिकवीर्य २३७
क्षायिक सम्यक्त्व ११, २३६, २३७
क्षायिकसुख २३७
क्षायोपशमिक ११, ४६-४९, २३६ क्षायोपशमिकभाव ४९
क्षायोपशमिकसम्यक्त्व ११
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क्षिप्र १६
क्षिप्रग्राही १६, १७
क्षीणकषाय २२६
क्षीणमोह २१६, २२७, २३०, २३१ क्षुद्रसर्वतोभद्र २१०
क्षुधा २१४
क्षुल्लक सिंहविक्रीडित २१०
क्षेत्र ८, ९, ३०, ८९, ९२, १४२, १८६ क्षेत्र ( स्थान ) २३८
क्षेत्र - आर्य ९३
क्षेत्रकृत ३०
क्षेत्र वास्तुप्रमाणातिक्रम १८८
क्षेत्र वृद्धि १८८ क्षेत्रसिद्ध २४०
खट्टा १२९
खट्वाङ्ग १०१
खण्ड १३०
खरकाण्ड ८४
ख
ग
गण २२१
गणधर २५
गति ४६, ४७, ४९, ६२, ८७, १०४, १०५, १२३ - १२५, १२७, १९६, १९७, १९९, २३८, २३९ गतिक्रिया ६३, ६४, ११७ गतित्रस ५५, ५६ गतिसामर्थ्य १०६
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गन्ध १९, ५७, ५८, ८६, ११६, ११९, १२८, १२९, १३१, १४३-१४५, १६९, १९६, १९७, १९९, २०५, २११
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