Book Title: Sucharitram
Author(s): Vijayraj Acharya, Shantichandra Mehta
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Sadhumargi Shantkranti Jain Shravak Sangh
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ज्ञान विज्ञान का विकास एवं सामाजिक जीवन की गति
सिस्टम), मॉनोक्लोनल एंटी बोडी, एम. आर. आई. सिस्टम (भीतरी फोटो) आदि के आविष्कार से निदान एवं चिकित्सा आसान बनी है। कैंसर की चिकित्सा के लिये प्रोटोन किरण का उपयोग होने लगा है। न्यूट्रोन व प्रोटीन थेरेपी भी शुरु हुई है। - यांत्रिक कायाकल्प : यांत्रिक मानव, मशीन या रोबोट का विकास चरम सीमा तक हुआ है। कई प्रकार के भारी काम भी रोबोट निर्देशानुसार या स्वतः भी कर सकता है। साइबर्ग या बायो रोबोट मुख्य है। प्रमुख अंगों का प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक हो रहा है, किन्तु कृत्रिम अंगों के विकास की दिशा में अच्छी प्रगति हुई है। कहा जा रहा है कि क्लोनिंग सिस्टम से वृक्षांकुर के समान क्षत-विक्षत अंगों का पुनः अंकुरण भी किया जा सकेगा। कृत्रिम अंगों में टांग, बांह, नाक, कान, आंख, कंठ, बाल, कूल्हा , घुटना आदि का उपयोग हो रहा है। हृदय, यकृत, गुर्दे, फेफड़े, आमाशय, स्नायु, रक्तवाहिनियों, मस्तिष्क के उत्तकों, अंडाशय आदि का प्रत्यारोपण संभव है। त्वचारोपण में भारी प्रगति हुई है। फसे टेक्नोलोजी में प्रत्यारोपण की नई खोजें हो रही हैं। हल्के प्लास्टिक की अस्थियों का विकास किया जा रहा है। ___ कम्प्यूटर विज्ञान में क्रान्ति : सॉफ्टवेअर, हार्डवेअर आदि की विभिन्न तकनीकों के साथ कम्प्यूटर विज्ञान बहुत उन्नत हो रहा है। अब तकनीक में यह परिवर्तन किया जा रहा है कि बाह्य वातावरण को मस्तिष्क के भीतर उत्पन्न किया जा सकेगा जिससे कल्पना की जा रही है कि एक दिन कम्प्यूटर समग्र वातावरण का हिस्सा बन जाएगा। पोर्टेबल कम्प्यूटर, लेपटोप आदि अब उपकरण नहीं, मनुष्य के सहायक बन गये हैं। ___परिष्कृत रोबोट : रोबोट (कृत्रिम मानव) की अब तो स्वायत्तता कायम होने लगी है। अब घरों में व्यक्तिगत रोबोट काम करने लगे हैं। इंटीग्रेड रोबोटिक प्रणाली का तेजी से विकास हो रहा है। रोबोट प्रणाली में वाणी को भी सक्रिय कर दिया गया है जिससे घर या फार्म पर तैनात रोबोट फोन पर पूछताछ का जवाब दे सकेंगे। वे उचित निर्देश ग्रहण कर तदनुसार कार्यों को सम्पन्न भी कर सकेंगे। परिवारजनों की रुचि को समझकर ये नाश्ते के सामान का आर्डर भी दे देंगे, क्योंकि इनमें कृत्रिम मस्तिष्क का विकास किया गया है। ___ कृषि विकास में वैज्ञानिक प्रगति : जीन नियंत्रण में सफलता प्राप्त कर लेने के कारण फसलों में इच्छित सुधार किया जा सकेगा तथा जैविक बोलिटिक उपकरणों का प्रयोग भी संभव हो जाएगा। जेनेटिक इंजीनियरिंग से जीवाणओं के निर्माण की बात भी की जा रही है। पायलट रहित मशीनों के अनुसंधान पर भी काफी काम किया जा रहा है। बताया जाता है कि अब ट्रैक्टर खुद चलेंगे और उर्वरकों के कारण भूजल के प्रदूषण की समस्या नहीं होगी। अनाज की उपज में अभूतपूर्व क्रान्ति की आशा है। वैज्ञानिकों का दावा है कि अब वे स्थूल विषयों से आगे मन के सूक्ष्म विषय पर भी नई खोजें कर रहे हैं तथा अग्रिम अनुसंधानों में जुटे हुए हैं।
मन प्रक्षेपण : मन का मस्तिष्क के साथ गहरा संबंध माना गया है तथा वह बुद्धि, इन्द्रियों तथा स्थूल देह से सम्बद्ध रहता है। मन ऐसा स्वर्णिम ज्योतिर्मय पिंड माना गया है जो 'बुद्धि मंडल' के शिखर पर होता है। यह आंतरिक संवेदना का प्रतिबिम्ब रूप है। मन और इन्द्रियां बुद्धि की प्रेरणा से
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