Book Title: Sucharitram
Author(s): Vijayraj Acharya, Shantichandra Mehta
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Sadhumargi Shantkranti Jain Shravak Sangh

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Page 664
________________ युवाओं, उठो और इस विजय अभियान को सबल नेतृत्व दो! ऊर्जावान युवाओं से नेतृत्व की उम्मीद यौवन के धनी युवानों और नई पीढ़ी के सदस्यों से " अन्त में एक विशेष चर्चा करना चाहता हूँ और उन्हें बताना चाहता हूँ कि यदि युवाओं का सहयोग चरित्र निर्माण अभियान को प्राप्त हो तो उसकी सफलता की विशेष संभावना मानी जा सकती है। मैं तो कहूं कि इस अभियान का पूरा नेतृत्व ही अपने हाथों में ल ले लें तो फिर वे फौलादी हाथ अभियान को संगठित करने, उसका सब ओर विस्तार करने तथा उसके सुपरिणाम सामने लाने में वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मैं यहां से सत्साहस एवं श्रेष्ठ उत्साह को प्रोत्साहन देने के निमित्त से दो शब्दों में युवाओं, उनकी यौवन की तेजस्विता तथा आदर्शों की सम्पूर्ति के विषय में अपने उद्गार प्रकट कर रहा हूँ। ___ मैं युवाओं से कहना चाहता हूँ कि युवक एवं युवतियां सामान्य जन नहीं होते हैं। वे विशिष्ट होते हैं, क्योंकि उनका यौवन विशिष्ट होता है और अति अति विशिष्ट होता है। समाज के स्वस्थ सर्जन में उस यौवन का वेग उभरते यौवन और उसके वेग के दर्शन प्राचीन से अर्वाचीन तक प्रत्येक युग में होते आए हैं और जो सदा भविष्य को प्रेरित करते रहे हैं। इतिहास के पन्नों को टटोलें तो यौवन 550

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