Book Title: Sucharitram
Author(s): Vijayraj Acharya, Shantichandra Mehta
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Sadhumargi Shantkranti Jain Shravak Sangh
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सुचरित्रम्
संकल्प-पत्र (प्रथम चरण) 1. मैं सुदेव, सुगुरु एवं सुधर्म को अंगीकार करके उनके प्रति दृढ़ आस्था र गा/रखूगी। किसी भी रूप में चल रही या चलाई जा रही कैसी भी साम्प्रदायिकता एवं कट्टरता से दूर रह कर मानव धर्म की विशेषताओं को ग्रहण करूंगा/करूंगी। मैं राग द्वेष एवं ममत्व से मुक्त समत्व की वृत्तियों तथा प्रवृत्तियों में, कृत कर्मों के फल में, स्वयं के कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों में तथा दीनता-हीनता से रहित अपनी आत्मा के सम्पूर्ण सामर्थ्य में दृढ़ विश्वास रखता/रखती हूँ। मैं अहिंसा, अनाग्रह एवं अपरिग्रह पर आधारित जीवनशैली को तथा धर्म व ऊंच-नीच या स्पृश्य के भेदभाव से दूर
आत्मीय समानता के सिद्धान्त को स्वीकार करता/करती हूँ। 2. मैं प्रतिदिन प्रातः उठते ही महामंत्र की एक माला का जाप, घर में अग्रजों को प्रणाम, यथासाध्य
सामूहिक प्रार्थना तथा सबके साथ आदर व प्रेम-स्नेह का व्यवहार करूंगा/करूंगी। क्रोध, ईा. द्वेष आदि किसी दुर्गुण के वशीभूत होकर अपने व्यवहार के सन्तुलन को न बिगड़ने देने का पूरा
ध्यान रखूगा/रलूँगी। 3. मैं वैवाहिक आदि अवसरों पर सड़कों पर नाचना, बिन्दोली आदि में या पर्यों पर आतिशबाजी तथा
अपने परिवार जन के देहान्त पर मृत्युभोज का आयोजन आदि कुरीतियां बंद करूंगा/करूंगी और
जहां ऐसा होगा उसमें शामिल नहीं होऊँगा/होऊँगी। 4. मैं अपने जीवन सुधार हेतु कुव्यसनों में वेश्यागमन, पर-स्त्री (पुरुष) गमन, मांसाहार (अंडा
सहित), शिकार, जुआ आदि का सेवन, तम्बाकू, गांजा, भांग, चरस, ब्राऊन शूगर, स्मैक, शराब, बीअर आदि नशीले पदार्थों का उपयोग और कम्पनियों द्वारा तैयार वस्तुओं का 'फास्ट फूड' भोजन नहीं करूंगा/करूंगी। (यदि किसी भी व्यसन की आदत हो तो निश्चित अवधि में उसे
त्यागने का कठिन प्रयास करूंगा/करूंगी)। 5. मैं व्यापार व व्यवसाय में खोटा तोल-माप का प्रयोग तथा पदार्थों में मिलावट नहीं करूंगा/करूंगी।
(यदि करता होऊं तो शीघ्र छोडने की कोशिश करूँगा/करूँगी)।यथासाध्य नैतिकता के अधिकतम व्यवहार की तथा आमदनी में से कुछ निश्चित प्रतिशत धार्मिक व पारमार्थिक कार्यों में लगाने की
चेष्टा रमूंगा/रखूगी। 6. मैं राष्ट्रीय एवं सामाजिक कर्त्तव्य की दृष्टि से(अ) वन, पर्यावरण व सामान्य जीवों के रक्षण-संरक्षण का समर्थन तथा उनके प्रति क्रूर
व्यवहार का विरोध करूँगा/करूँगी। (ब) हरे वृक्ष, वनस्पति व पानी की बरबादी से बचाव करूँगा/करूँगी तथा (स) पर्यावरण की रक्षा से संबंधित कार्यों में स्वयं सक्रिय रहूंगा/रहूंगी तथा इनके हेतु संघर्षशील
तत्त्वों का साथ दूंगा/दूंगी। 7. मैं आवेशपूर्वक आत्महत्या का प्रयास तथा भ्रूण-परीक्षण व भ्रूण-हत्या का जघन्य अपराध कदापि
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