Book Title: Sucharitram
Author(s): Vijayraj Acharya, Shantichandra Mehta
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Sadhumargi Shantkranti Jain Shravak Sangh
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नव-जागरण का बहुआयामी कार्यक्रम
संगठित होगी। कार्य की सुविधा के लिए यह समिति जिला कार्यकारिणी का चुनाव करेगी। (स) इसी प्रकार जिला साधारण समितियों द्वारा दस प्रतिशत प्रतिनिधियों का चुनाव होगा जिनसे
राज्य साधारण समिति का गठन होगा। यह समिति अपनी कार्यकारिणी का चुनाव करेगी। (द) इसी प्रकार राज्य साधारण समिति से चुने गए प्रतिनिधि केन्द्रीय साधारण समिति का गठन
करेंगे। केन्द्रीय साधारण समिति अपनी कार्यकारिणी का चुनाव करेगी। (य) सभी स्तरों पर साधारण समितियां चरित्र निर्माण की दृष्टि से स्थानीय योग्य व्यक्तियों को
सदस्य के नाते मनोनीत कर सकेंगी। ___ (फ) सदस्यों की चारित्रिक प्रतिष्ठा सर्वत्र महत्त्वपूर्ण रहेगी। 9. सदस्यों तथा पदाधिकारियों के अधिकारों एवं कर्त्तव्यों के संबंध में निर्णय यथावसर लिया जाएगा। 10. पूर्ण संविधान की रचना यथावसर एक संविधान समिति द्वारा की जाएगी। अभियान को एक रचनात्मक प्रयोग मानते हुए पूरी सतर्कता रहे :
यह सही है कि देश के सभी क्षेत्रों में वातावरण विकृत है तथा कई प्रकारों से अनियमित तथा अनैतिक कार्य किए जाते हैं, किन्तु इस वातावरण की छाया तक अभियान के कामकाज पर नहीं पड़नी चाहिए। इसका कारण साफ है। यह अभियान चरित्र निर्माण का अभियान है, जिसे चरित्र को ही सर्वोपरि महत्त्व देना है। जहां चरित्र को ही संवारने का कार्य करना है, उस संगठन में उदाहरण के लिए भी चरित्रहीनता का कोई कार्य जाने-अनजाने भी नहीं होना चाहिए। इसकी कठोर सतर्कता रहनी चाहिए। यह अभियान एक रचनात्मक प्रयोग है अतः इसकी प्रक्रिया सर्वत्र स्वच्छ एवं शुद्ध होनी चाहिए, बल्कि प्रत्येक सामान्य जन तक को वह स्वच्छ एवं शुद्ध दिखाई भी दी जानी चाहिए। यों समझिए कि चरित्रशीलता का प्रमाण-पत्र इस अभियान के प्रत्येक सदस्य, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता की कमीज पर सदा टंगा हुआ ही रहना चाहिए। ये सब चरित्र निर्माण की प्रक्रिया के ही स्तंभ होंगे।
चरित्र निर्माण पहले स्तर पर स्वयं का भी सरल नहीं होता है। व्यक्ति को अपने कार्य क्षेत्र में कई हैसियतों से अलग-अलग क्षेत्रों में काम करना पड़ता है तथा उनमें सभी प्रकार के तत्त्व मौजूद रहते हैं। जब तक चरित्र निर्माण की प्रक्रिया ऊपरी स्तरों तक सफलतापूर्वक नहीं पहुंचती है, तब तक तो चरित्रशील व्यक्ति को उनका मुकाबला करते रहना पड़ेगा। चरित्रशील व्यक्ति का चरित्रहीन व्यवस्था में काम कर रहे चरित्रहीन व्यक्तियों से पग-पग पर टकराना उसके लिए कई प्रकार से हानिकारक सिद्ध हो सकता है, किन्तु ऐसा तो होगा और हानि सहन करने की तैयारी भी चरित्रशील व्यक्ति को रखनी होगी। ___परन्तु यह घबराने की बात नहीं है। ये परेशानियां प्राथमिक समय में ही ज्यादा आएगी। इस सत्य को कभी नहीं भूलें कि चोर के पांव हमेशा कच्चे होते हैं, अतः जब चरित्र के बिन्दु पर किसी भी कीमत पर न झुकने वाला व्यक्ति भ्रष्टाचारियों को ललकारेगा तो उनकी हिम्मत जवाब दे देगी। यों
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