Book Title: Sucharitram
Author(s): Vijayraj Acharya, Shantichandra Mehta
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Sadhumargi Shantkranti Jain Shravak Sangh
View full book text
________________
मानव चरित्र का संचरण इतिहास के परिप्रेक्ष्य में
चरित्र के उत्थान-पतन का दस्तावेज है इतिहास
कैसे-कैसे चरित्र-नायक आए, क्या-क्या उल्लेखनीय
" कार्य उन्होंने किए तथा सामान्य रूप से किस प्रकार के चारित्रिक वातावरण का उन्होंने प्रसार किया-यही सब कुछ इतिहास के पन्नों पर अंकित होता है। ऐसी ही कुछ ऐतिहासिक बानगियां देखें एक-एक जोडी चरित्र नायकों की गतिविधियों से संबंधित ताकि चरित्रशीलता तथा चरित्रहीनता के सामाजिक वातावरण का तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके___ 1. सम्राट अशोक एवं कुणिक : सम्राट अशोक को इतिहास ने महान् कहा है-इसलिए नहीं कि उन्होंने एक विशाल साम्राज्य की नींव रखी अथवा इसलिए भी नहीं कि वे एक वीर योद्धा और ऐश्वर्यशाली थे, बल्कि इसलिए कि कलिंग विजय के बाद उनके चरित्र में अचानक आश्चर्यजनक परिवर्तन आया और वे एक अहिंसक सम्राट बन गए। सभी इतिहास प्रेमी जानते हैं कि कलिंग राज्य को जीतने के युद्ध में जो महाविनाश हुआ और अपार मानव रक्त बहा, उसे देख कर अशोक का कठोर हृदय पिघल कर पानी हो गया और वह दया व करुणा का केन्द्र स्थल बन गया। अशोक का हृदय परिवर्तन
237