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विषय
- विवाह के जायज़ माने जाने की शर्ते - वर और कन्याका एकही जातिका होना - पांचाल और कुवार शूद्रों के परस्पर विवाह - किसी भी उमरकी कन्या के साथ विवाह होना ६० - कानून से बाल विवाहकी रुकावट ६०
५९
- कानूनसे विधवा स्त्रीका विवाह अधिकार होना ६० - पति के जीवन में विवाह नहीं होगा .- जिनमें तलाक जायज है तो कब दूसरा
६०
विवाह होगा
सगाई से विवाह नहीं हो जाता
- बदलेका विवाद
- वर्जित सपिण्ड
विषयवार सूची
- नाबालिग दुलहा, पागल, बेअकल - बहरा, गूंगा, स्त्रीके जीतेजी, रंडुवा
पति के जीवनकालमें स्त्रीका दूसरा व्याह - में उमर की कैद
पजे
५९
५९
६०
६०
६०
તે ૬૪
६५
- एकही गोत्र व प्रवरकी कन्या के साथ वर्जित है ६४ - शूद्रों में ऐसा नियम नहीं है —सपिण्ड सम्बन्ध कहां तक माना जाता है ६५ से ७२ - दत्तक पुत्रका अपने असली कुटुम्बसे सपिण्ड
नहीं टूटता -बुवा, भाई, चाची, सास आदिका दर्जा - सपिण्ड में किये हुए विवाहका परिणाम -भिन्न जातियों के परस्पर विवाह
७४/९२
- अनुलोमॅज विवाह, शूद्रा और वैश्य के साथ ७५
- विवाह कौन कर सकता है
८०
७३
७३
७४
८०
८१
८२
८२
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-तलाक
-मजहब बदलदेने या जातिच्युत होने से नहीं टूटता ८४ बम्बई में शूद्रों में तलाक और विधवा विवाह का होना
८५
- पुरुषका पुनर्विवाह
८६
- कैसी स्त्रियों के साथ विवाह न करना चाहिए ८६ - स्त्रीका पुनर्विवाह
८७
- मंत्रों से कार्य न हो जानेपर कुमारी रहना ८८
विषय
- विधवा स्त्रीका पुनर्विवाह
- १ सवर्ण व असवर्ण विधवाका
- श्री दयानन्दी विधवा
- खत्री विधत्राका पुनर्विकाह
- २ अनुलोमज और प्रतिलोमज - ३ विधवाका दान कौन कर सकता है। -४ विधवा विवाहकी विधि क्या हैं -५ विधवा विवाहका जोर कानून से आया ९९
९०
९१
९२
- में सौतेली मात्मका सम्बन्ध
- में वर और कन्या के सम्बन्ध में विचार
- विवाह न करनेसे हरजानेका दावा
- में ठहरांनी या दहेजका तय होना और उसका असर
९२
९५
९५
-छोटे भाई से पहले बड़ेभाई के विवाह होने में प्रमाण९७ - कैसी सूरतों में छोटे भाईका पहले होगा ९७ -की रसम कब पूरी समझी जायगी - सप्तपदी कृत्यका बिवरण
९८
९८
- गौना हा जानेसे विवाहका पूरा न माना जाना ९८ - कुछ कृत्यों के होने पर अदालतका अनुमान ९८ - सगाई या मंगनी या कंट्राक्ट
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१००
- कन्यादान के अधिकारी तथा क्रम - के खर्च, लड़कियों की शादी, विवाह आदि
- कन्याका वली
६३
पेज
८८
तथा बापका
८९
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१००११०१
१०१।१०२
-क्रूरता, रंडी रखना, व्यभिचार, धर्म बदलना, जातिच्युत होना, नामर्दी, बेवकूफी आदि
१०३|१०४
१०४
१०५.
१०५
-फेक्टगवेलेटका सिद्धान्त
- धोखा देने में शास्त्रों के बचन
- नियोग
१०५.
- पति-पत्नी साथ रहने से इनकार करनेपर दावा - नाबालिग स्त्री भी, पति के कब्जे में रहेगी १०६.
तथा कर्तव्य
- कब स्त्री, पति के साथ रहनेसे इनकार कर सकती
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