________________
प्रश्नोत्तर - प्रवचन- २
तरफ से देखेंगे तो दूसरा दृश्य दिखाई पड़ेगा । और दोनों दृश्य एक ही बड़े दृश्य के हिस्से हैं । जिसको मैं इस खिड़की की बात कहूँ, वह दूसरी खिड़की पर खड़ा हो तो कहेगा सब झूठ है, सरासर झूठ है । कैसी ? कहाँ की झील ? कुछ नहीं है; सब झूठ बात है । मैं भी खिड़की पर खड़ा | मैं भी बाहर देख रहा हूँ; झील नहीं है, पहाड़ है । और, मैं कहूँ कि कैसा पहाड़ ? झील के अतिरिक्त तो यहाँ कुछ भी नहीं दिखाई पड़ रहा है । और हम लड़ते हैं क्योंकि दूसरे की खिड़कों पर जाना बहुत मुश्किल हैं। क्योंकि दूसरे की खिड़की पर जाने का मतलब दूसरा हो जाना है । और कोई उपाय नहीं । सारा का सारा व्यक्तित्व दूसरे जैसा हो जाए तो उसकी खिड़की पर आप खड़े हो जाएँ। वह हो नहीं सकता; वह बहुत मुश्किल मामला है ।
हजार खिड़कियाँ हैं जीवन के भवन में । जिसको जो खिड़की करीब पड़ गई वह उस खिड़की पर जाकर दर्शन कर सकता है । लेकिन एक रास्ता श्रीर भी है कि हम मकान के बाहर ही क्यों न आ जाएँ ? दूसरे की खिड़की पर जाना तो बहुत मुश्किल है। लेकिन मकान के बाहर आ जाना मुश्किल नहीं है । और मेरा मानना है कि मकान के बाहर आ जाना सब तरह की खिड़की पर खड़े लोगों के लिए एक जैसा ही आसान है । अगर एक खिड़की को हम पकड़ते हैं तो दूसरे की खिड़की के दुश्मन हो जाते हैं, हो हो जाएँगे । और अगर हम मकान के बाहर आ जाते हैं तो हमें पता लगता है कि उस मकान के भीतर
जितनी खिड़कियाँ हैं, वे सब एक ही दृश्य को दिखला रही हैं ।
६१
।
दृश्य बहुत बड़ा है, खिड़कियां बहुत छोटी हैं । खिड़कियों से जो दिखाई पड़ता है वह पूरा नहीं अब अगर कभी भी कोई व्यक्ति बाहर आ जाए, सारी दृष्टियों को, सारे 'मैं' को छोड़कर, तो उसे दिखाई पड़ता है कि 'कृष्ण' एक खिड़की है, 'राम' एक खिड़की है, 'बुद्ध' एक खिड़की है, 'महावीर' एक खिड़की
लेकिन खिड़की रह
है । महावीर उस खिड़की से छलांग लगा चुके हैं बाहर । गई और उनके पीछे आने वाले खिड़की पर खड़े रह गए। महावीर पहुँच गए बाहर, लेकिन खिड़की से गए बाहर । महावीर तो निकल गए । खिड़की के पीछे जो उनके साथ आये थे, वे खिड़की पर खड़े रह गए। और वे कहते हैं कि जिस खिड़की से महावीर गए वही सत्य है । एक बुद्ध वाली खिड़की है, वहाँ भी लोग सत्य हैं । और, अब दुनिया में सम्भावना इस बात की पैदा हो गई है कि हम मनुष्य को द्वार से बाहर ले जा सकते हैं खिड़की के बाहर ले जा सकते हैं । और वहाँ जो दिखाई पड़ेगा उसमें हमें सब एक से मालूम पडेंगे क्योंकि हम
P