Book Title: Mahavira Meri Drushti me
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Jivan Jagruti Andolan Prakashan Mumbai

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Page 649
________________ ७५८ महापौर मेरो लि क्या इतनी रसपूर्ण हो रही पो कि हनुमान भी छिपकर उसे सुनते थे। वह जगह पाई, जहां हनुमान अशोक वाटिका में गए सीता से मिलने । तो संत ने कहा । हनुमान गए अशोक वाटिका में, वहाँ सफेद फूल खिले थे। सुनकर हनुमान अपने से बाहर हो गए क्योंकि फूल सब लाल थे। हनुमान ने खुब देखा था। इस आदमी ने देखा भी नहीं था। हजारों साल बाद कहानी कह रहा था यह संत। हनुमान ने खड़े होकर कहा : माफ करें-इसमें बरा सुधार कर लें। फूल सफेद नहीं, लाल थे। उस आदमी ने कहा कि फूल सफेद ही थे। हनुमान कहा कि मुझे स्पष्ट करना पड़ेगा कि मैं खुद हनुमान है और मैं गया था। अब तो सुधार कर लो। तो उसने कहा, नहीं, तुम्हीं सुधार कर लेना। फूल सफेद ही थे। हनुमान ने कहा, 'यह तो हद हो गई। हजारों साल बाद तुम कथा कह रहे हो और में मौजूद था, मैं खुद गया था। तुम मेरी कथा कह रहे हो और मुझे इन्कार कर रहे हो।' उस आदमी ने कहा, लेकिन फूल सफेद ही थे, तुम सुधार कर लेना अपनी स्मृति में । हनुमान बहुत नाराज हए । कया कहती है कि उस संत को लेकर वे राम के पास गए। राम से उन्होंने कहा, 'हर हो गई है। इस भादमी की जिद देखो ! मुझसे सुधार करवाता है। मेरी स्मृति में फूल बिल्कुल लाल थे। राम ने कहा कि वह सन्त ही ठीक कहते हैं। फूल सफेद ही थे, तुम सुधार कर लेना। तो हनुमान ने कहा, हद हो गई। राम ने कहा. कि तुम इतने क्रोष में थे कि तुम्हारी आँखें खून से भरी थीं, फूल लाल दिखाई पड़े होंगे । फूल सफेद थे। बहुत बार देखा हो तो भी जरूरी नहीं कि सच हो। और बहुत बार न देखा हो तो भी हो सकता है कि सच हो। सच बड़ी रहस्यपूर्ण बात है। अभी में एक नगरी में था। एक बौद्ध भिक्षु मिलने आए। कुछ बात चल रही थी तो मैंने कहा किबुद्ध के सामने एक व्यक्ति बैठा हमा था। वह पैर का अंगूठा हिला रहा था। बुट बोल रहे थे। बुद्ध ने उससे कहा कि 'मित्र, तेरे पैर का अंगूठा क्यों हिलाता है ?' उस आदमी ने अपने पैर का अंगूठग हिलाना रोक लिया और कहा कि अपनी बात आप जारी रखिए, फिजूल की बातों से क्या मतलब ! बुद्ध ने कहा कि नहीं, मैं पीछे बात शुरू करूंगा, पहले पता चल जाए कि पैर का अंगूग क्यों हिलता है ? उस भावमी ने कहा कि मुझे पता ही नहीं। मैं क्या बताऊँ क्यों हिलता है। बुद्ध ने कहा कि तू बड़ा पागल भावमी है । तेरा अंगूठा हिलता है और तुझे पता नहीं। जब शरीर की होश नहीं रखेगा तो

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