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महावीर | मेरी दृष्टि में
कर पाते। इस तेईस तीर्थकरों की हजारों वर्षों की यात्रा में, जो सारे खण्ड थे, एक सम्बद्ध रूप दिया । इसलिए जैन दर्शन
उन सारे खण्डों को
महावीर ने
पैदा हो सका ।
निश्चित ही, जैसा आप पूछते हैं, महावीर के परिवार के लोग किसी पंथ को, किसी विचार को मानते रहे होंगे। लेकिन कोई भी पंथ और कोई भी विचार आर्य जीवन-पथ के ही हिस्से थे । उनमें कोई भिन्नता नहीं थी । इसलिए सम्भव है कि कृष्ण का चचेरा भाई तोर्थंकर हो सके और कृष्ण हिन्दुओं के परम औतार हो सकें । इसमें कोई बाधा न थी । विचार पद्धतियाँ थीं किन्तु वे अभी सम्प्रदाय न बन पायी थीं। जैसे कि आज कोई कम्यूनिस्ट है, सोशलिस्ट है, फासिस्ट है । एक ही घर में एक आदमी सोशलिस्ट हो सकता है, एक आदमी फासिस्ट हो सकता है, एक आदमी कम्युनिस्ट हो सकता है। लेकिन कभी ऐसा हो सकता है कि जब ये सम्प्रदाय बन जाए तो कम्युनिस्ट का बेटा कम्युनिस्ट हो, सोशलिस्ट का बेटा सोशलिस्ट हो । तब विचार पद्धतियां न रहीं । तब जन्म से बंधे हुए संप्रदाय हो गए। महावीर के पहले भारत में विचारपद्धतियाँ थीं और आर्य जीवन-दृष्टि सबको घेरती थी । उनमें वेद के क्रियाकाण्डी लोग थे और ठीक उनके विरोध में उपनिषद् के विचारक थे। लेकिन इससे वह कोई अलग बात नहीं हो जाती थी ।
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मतलब है कि जहाँ वेद का
अन्त हो
अब मजा है कि वेदान्त शब्द का जाता है, सत्य का प्रारम्भ होता है। यानी वेद तक तो सत्य ही नहीं । जहाँ वेद समाप्त हुआ, वहाँ से सत्य शुरू होता है । अब ये वेदान्त की दृष्टि वाले लोग भी आर्य जीवन-दृष्टि के हिस्से थे । उपनिषद् इतना ही विरोधी है वेद का जितना कि बौद्ध विचारक या जैन विचारक, महावीर या बुद्ध । उपनिषद् के ऋषि वेद के विरोध में हैं और इतनी सख्त बातें कही हैं कि हैरानी होती है । ऐसी सब्त बातें कही हैं वैदिक क्रियाकाण्डी ब्राह्मणों के लिए उपनिषद् तक ने होता है । लेकिन तब तक कोई सम्प्रदाय नहीं है तब तक सभी के, सभी तरह के विचारक हैं । वह सभी एक ही वह लड़ते भी हैं, झगड़ते भी हैं, विरोध भी करते हैं ऐसा भेद नहीं पड़ गया है कि आदमी जन्म से किसी सम्प्रदाय का हिस्सा हो गया हो । महावीर के साथ पहली दफा आर्य जीवन-पद्धति में एक अलग रास्ता टूट गया । फिर श्रमण जीवन पद्धति में भी बुद्ध के साथ अलग रास्ता टूट गया । ऐसे ही जैसे एक वृक्ष होता है, नीचे पीड़ होती है, वह तो एक ही होती है।
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कि आश्चर्य
एक परिवार
शाखाएं हैं ।
परिवार की लेकिन अभी कोई जन्मतः
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