________________
२७८
बीच हो रही है - महावीर की, इन्द्र की या और देवताओं की । उसमें कहीं भी ऐसा नहीं है कि कोई कल्पनालोक में बात हो रही हो । यह अत्यन्त बामनेसामने बात हो रही है । और यह किसी एक के साथ ऐसा नहीं हो रहा है । बुद्ध के साथ भी वैसा हो रहा है, जीसस के साथ भी, मुहम्मद के साथ भी ।
1-2
1
ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे भीतर कुछ उनसे सम्बन्धित होने का मार्ग है लेकिन प्रसुप्त है । मनुष्य के मस्तिष्क का शायद एक तिहाई भाग काम कर रहा है। दो तिहाई भाग बिल्कुल काम नहीं करता। इससे वैज्ञानिक भी चिन्तित हैं । अगर हम एक आदमी की खोपड़ी को काटें तो एक तिहाई हिस्सा केवल सक्रिय हैं। बाकी दो-तिहाई हिस्सा बिल्कुल निष्क्रिय है । शरीर में और सब चीजें सक्रिय हैं । वैज्ञानिकों को यह ख्याल आना शुरू हुआ है कि यह दो तिहाई हिस्सा जीवन के किन्हीं तलों को स्पर्श करता होगा, अगर सक्रिय हो जाए । छजब जैसे आपकी आँख देखती है क्योंकि आंख से जुड़ा हुआ मस्तिष्क का हिस्सा संक्रिय है । अगर वह हिस्सा निष्क्रिय हो जाए, आपकी आंख देखना बन्द कर देगी । यह भी हो सकता है कि आँख बिल्कुल ठीक हो लेकिन मस्तिष्क का वह हिस्सा, जिससे आँख सक्रिय होती है निष्क्रिय पड़ा हो तो बिल्कुल ठीक आँख नहीं देख सकेगी ।
एक लड़की मेरे पास आती थी । उस लड़की का किसी से प्रेम था और घर के लोगों ने उस विवाह को इन्कार कर दिया और लड़की को उस युवक को देखने की भी मनाही कर दी। सख्त पाबन्दी लगा दी । उसे घर के भीतर बिल्कुल कैद कर दिया। वह लड़की दूसरे दिन अंधी हो गई । सब चिकित्सकों को दिखाया गया । उन्होंने जांच-पड़ताल की और कहा, आंख तो बिल्कुल ठीक है । लेकिन यह भी पक्का है कि उसे दिखाई नहीं पड़ता । वह मित्र मुझे कहे कि बड़ी मुश्किल में हम पड़ गए। पहले तो हमने समझा कि वह सिर्फ धोखा दे रही है क्योंकि हमने उस पर रुकावट लगाई थी। लेकिन अब तो डाक्टर भी कहते हैं कि आंस ठीक है लेकिन उसे दिखाई नहीं पड़ रहा । मानसिक अंधापन है उसे । इसका मतलब यह है कि मस्तिष्क का वह हिस्सा जो आंख से जुड़कर आँख को दिखाने का काम करता है बंद हो गया है। जैसे ही उस लड़की को कहा कि जिसे वह प्रेम करती है वह उसे अब नहीं देख सकेगी, हो सकता है उसके मस्तिष्क को यह ख्याल आया हो कि अब देखने का कोई अर्थ ही नहीं । जिसे हम प्रेम करते हैं उसे ही न देख सकें तो अब देखने की भी क्या जरूरत है । बोर मस्तिष्क का वह हिस्सा बंद हो गया और आंस ने देखना बन्द कर दिया ।
"