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महावीर : मेरी दृष्टि में
एक दूसरी घटना सुनाता हूँ। एक फकीर गुजर गया है। उसका एक शिष्य है जिसकी बड़ी ख्याति है; इतनी ख्याति है कि गुरु से भी ज्यादा। और लोग कहते हैं कि वह परम ज्ञान को उपलब्ध हो गया है । लाखों लोग इकट्ठे हुए हैं-गुरु मर गया है । शिष्य मन्दिर के द्वार पर बैठा छाती पीट-पोट कर रो रहा है । लोग बड़े चोंके हैं क्योंकि ज्ञानी और रोए ! दो चार जो निकट है, उन्होंने कहा : यह आप क्या कर रहे हैं ? सब जिन्दगी की इज्जत पर पानी फिर जाएगा। आप-और रोते हैं ? ज्ञानी और रोए। तो उस आदमी ने आँखें ऊपर उठाई और कहा-मैं ऐसे ज्ञानी से छुटकारा चाहता है जो रो भी न सके । नमस्कार! इतनी भी आजादी न बचे तो ऐसा ज्ञानी मुझे नहीं होना । क्योंकि ज्ञान की खोज हम आजादी के लिए किए हैं। ज्ञान एक नया बन्धन बन जाए और मुझे सोचना पड़े कि क्या कर सकता हूँ, क्या नहीं कर सकता हूँ तो मैं क्षमा चाहता है। तुमसे कहा किसने कि मैं ज्ञानी है? फिर भी उन लोगों ने पूछा : भई ठीक तो है लेकिन आप ही तो समझाते थे कि आत्मा अमर है अब काहे के लिए रो रहे हैं ? उसने कहा : आत्मा के लिए कौन पागल रो रहा है ? वह शरीर भो बहुत प्यारा था। और वैसा शरीर अब दुबारा नहीं हो सकेगा। अद्वितीय था वह । आत्मा के लिए रो कौन रहा है ? शरीर कुछ कम था क्या ! तुम मेरी चिन्ता मत करो क्योंकि मैंने अपनी चिन्ता छोड़ दी है । अब जो होना है, सो होता है। हंसी आती है तो हंसता हूँ; रोना माता है तो रोता है। अब मैं रोकता ही नहीं कुछ। क्योंकि अब रोकने वाला ही कोई नहीं है। कौन रोके ? किसको रोके ? क्या रोकना है ? क्या बुरा है ? .. क्या भला है ? क्या पकड़ना है ? क्या छोड़ना है-सब जा चुका है। जो होता है, होता है । जैसे हवा चलती है, वृष हिलते हैं, वर्षा आती है, बादल आते हैं, सूरज निकलता है, फूल खिलते हैं। बस ऐसा ही है। न तुम फूल से जाकर कहते हो कि क्यों खिले हो तुम । न तुम बदलियों से जाकर कहते हो कि क्यों आई हो तुम । न तुम सूरज से पूछते हो कि क्यों निकले हो तुम । मुझसे क्यों पूछ रहे हो कि क्यों रो रहे हो। कोई मैं रो रहा हूँ ? रोना आ रहा है । कोई रोने वाला नहीं है। यह तो बहुत मुश्किल में पड़ गए हैं। और किसी एक ने कहा कि "भाप कहते हो सब माना है, सब सपना है।" वह कहता है अभी मैं कब कह रहा हूँ कि सब माया नहीं है, सब सपना नहीं है। मेरा कहना है कि अगर उतनी ठोस देह भी सत्य सावित न हुई, मेरे ये तरल आँसू कितने सत्य हो सकते हैं ? इसे समझना हमें मुश्किल हो जाएगा। उस मुनि को समझना