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विमानस्थान- भ० ८०.
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·ल्क चित्रकद्वीपिशिग्रुमूलकषायैश्च । मधुमधूककोविदारकर्युदारनी पनि चुलविम्बीशणपुष्पीस दापुष्पी प्रत्यकूपुष्प कषार्यश्चेलाहरेणुप्रियङ्गु पृथ्वीका कुस्तुम्बुरुतगरनलदह बिरतालीशोपीरकषायैश्च । इक्षुकाण्डेक्ष्विक्षुवालिका दर्भपोटगलकालङ्कतकषायैश्च । सुमनाः सौमनसायिनीहरिद्रादारुहरिद्रावृश्चीरपुनर्न-वामहासहाक्षुद्रसहाकषायैश्च । शाल्मलिशात्मक भद्रपण्येंलाप
पोदिकोद्दालकधन्वनराजादनोपचित्रागोपी शृङ्गाटिकाकपिकच्छुकषायैश्च । पिप्पलीपिप्पलीमूठ चव्यचित्रकशृङ्गवेरसपफाणित क्षीरक्षारलवणोदकैश्वयथोपला संयथेष्टंवाप्युपसंस्कृत्यवर्तिक्रिया चूर्णावलेहस्नेहकषायम सरलय वागूयूषकाम्बलिकक्षीरोपधेयान्मोदकानन्यांश्चयोगान्विविधाननुविधाययथार्ह वमनाहीयदद्याद्विधिवद्वमनमितिकल्पसंग्रहोत्रमनद्रव्याणां कल्पस्त्वेषांविस्तरेणोत्तरकालमुपदेक्ष्यते ॥ १५७ ॥
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it औषध द्रव्य वमन आदिकोंमें उपयोग किये जाते हैं उनका वर्णन करते हैं । जैसे मैनफल, देवदाली, कडवीघीआ, कडवी तोरी, इन्द्रयव, काण्डिका, कृतवेधनतोरी इनके फल वननकारक होते हैं । देवदाली के पत्र, फूल | कडवी घीओ के पत्र फूल । कुडाके पत्र, फूल। कडवी तोरीके पत्र, फूल वमनकारक होते हैं। अमल नास, कुडाकी छाल, मैनफल, स्वादुकण्टक, पाठा, पाढ, घुंघुची (रक्तक) मुरंबा, सप्तपर्ण, करंज, नीम, पटोलपत्र, सुखवि, गिलोय इनके क्वाथ, सोमनलकल, चित्रक, एरंड, सतावर, सहांजने की जड, मुलैठी, महुआ, कचनार, सफेद कचनार, कदंब, निचूल, तंदूरी, शणपुष्पी, आक, अपामार्ग इन सबके काथमनके उपयोग में आते हैं। बडी इलायची, रेणुका, प्रियगु, छोटी इलायची, कुस्तुम्वरी, जटामांसी, नेत्रवाला, तालीसपत्र और रूस इनके काथ भी बमनके उपयोग में आते हैं । ईख, तालमखाना, रामसर, कुशा, कास, कसौंदी इन संवका-रस और क्वाथ वमनमें उपयोग किया जाता है। जायफल, जावित्री, हल्दी, दारुहल्दी. दोनों पुनर्नवा, माषपर्णी, मुग्धपर्णी, इनका काय वमनमें उपयोग किये जाते हैं । सेमल, रोहितृण, प्रसारणी, रासना, उद्दालक, धान्यं, ढामणवृक्ष, खिरनी, मूसाकर्णी, सारिवा, अतीस, कौंच इनका कल्क अथवा काथ. वमनमें उपयोग
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