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[जवाहर-किरणावली
जाने से मुझे मालूम हुआ कि परमात्मा की सत्ता अवश्य है। अगर आप लोग भी शांतिनाथ भगवान् को याद रक्खें तो आपको भी परमात्मा के साक्षात् दर्शन होंगे।
भाइयो और बहिनो ! कुकर्म ज़हर से बढ़कर हैं । जब इनकी ओर आपका चित्त खिचने लगे तब श्राप भगवान् शांतिनाथ का स्मरण किया करो । ऐसा करने से आपका चित्त स्वस्थ होगा, विकार हट जाएगा और पवित्र भावना उत्पन्न होगी । आप कुकर्म से बच सकेंगे और आपका जीवन पवित्र रहेगा । भगवान् शांतिनाथ का नाम पापों से बचने का महामंत्र है।
शांतिनाथ भगवान् ने केवल ज्ञान प्राप्त करके पश्चीस हजार वर्ष तक सब जीवों को शांति प्रदान की । आप भी अपनी योग्यता के अनुसार दूसरों को शांति पहुँचाएँ । कोई काम ऐसा मत कीजिए जिससे किसी को अशांति पहुँचाती हो । आपका ज्ञान, ध्यान, पठन-पाठन प्रादि सब ऐसे होने चाहिए जो शांतिनाथ को पसंद हो । अगर आप शांतिनाथ भगवान् को हृदय में धारण करके प्राणीमात्र को शांति पहुँचाएँगे तो आपको भी लोकोत्तर शांति प्राप्त होगी ।
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