________________ बीकानेर के व्याख्यान] [ 311 बहिनो, अगर आपको अंजना, द्रौपदी आदि सतियों की बात याद हो तो आप अपने धर्म का विचार करो। अपने धर्म का विचार करने और उसे व्यवहार में लाने से ही चरितकथा सुनने का लाभ मिलेगा। __आपको चन्दनबाला की कौन सी पोशाक महत्वपूर्ण मालूम होती है ? देवों द्वारा पहनाई हुई या हथकड़ी-बेड़ी के समय की ? चन्दनबाला के जीवन में एक समय वह था जब उसका सिर मुड़ा हुअाथा और हाथ-पैर हथकड़ियों बेड़ियों से उसके जकड़े हुए थे और वह भौयरे में बँधी पड़ी थी। दूसरा समय वह था जब देवों ने उसे पोशाक पहनाकर सिंहासन पर विराजमान किया था। आपको इन दोनों अवस्थाओं में से कौन-सी अवस्था अच्छी लगती है ? 'हथकड़ी-बेड़ी वाली!' भाइयो, तप दुर्लभ है। न मालूम उसका तप कितने महत्त्व का था कि उस अवस्था में भी उसे प्रानन्द का ही अनुभव हुश्रा / वह समझती थी कि धर्म की सजा भुगतने में तो आनन्द ही है ! पश्चात्ताप तो तब हो जब मैं पाप की सजा भुगतू ! यह भावना और दया आपमें कहाँ है ? इसीलिए तो अमीरों और गरीबों के बीच दीवाल खड़ी है। इसी कारण तो अमीर लोग गरीबों पर निर्भर होते हुए भी उनके सुख-दुख की परवाह नहीं करते ! Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com