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बीकानेर के व्याख्यान ]
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के हिस्से में न जावे ! ___ अच्छा आप बतलाइए कि सूर्य का प्रकाश अधिक है या बिजली का ?
'सूर्य का!
विज्ञान द्वारा लाख प्रयोग करके भी सूर्य के समान दूसरा प्रकाश नहीं बनाया जा सकता। कदाचित् सूर्य के समान प्रकाश देने वाली बिजली कोई बना भी दे तो भी उससे भयकर बीमारियों के उत्पन्न होने की संभावना है। आज जो विजली प्रकाश दे रही है उससे भी अनेक हानियाँ हुई हैं। चन्द्रमा फलों में जैसा रस उत्पन्न करता है, सूर्य उन्हें जिस प्रकार पकाता है, वैसा दूसरा कोई नहीं कर सकता। इसी लिए सूर्य को जगत्पोषक की पदवी मिली है । यह पदवी सूर्य ने स्वयं नहीं माँगी, किन्तु बड़े-बड़े ऋषियों ने, विद्वानों ने और तत्त्ववेताओं ने गंभीर अनुसंधान करने के पश्चात् सूर्य को जगत्पोषक आदि पदवियाँ प्रदान की हैं शरीर में रक्त का बेगवान् संचार हो रहा है, इन्द्रियों में जो विकास है, शब्द दूसरों के कानों तक पहुँच कर सुनाई देता है, इन सब का निमित्त कारण सूर्य है। सूर्य न हो तो न शरीर में खून दौड़े, न शब्द सुनाई दे और न जीवन ही स्थिर रहे । एक वृक्ष ऐसी जगह हो जहाँ सूर्य की किरणे न पहुँच पाती हों; और दूसरा ऐसी खुली जगह में हो कि जहाँ विना रुकावट सूर्य की किरणे पहुँचती हो: तो इन दोनों में से कौन-सा वृक्ष हरा-भरा Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com