________________
बीकानेर के व्याख्यान ]
-
-------- ---
नियमित रूप से सत्य वही बोलेगा जो मनुष्य के प्रति अहिंसक होगा। जिसके हृदय में मनुष्य के प्रति दया होगी वह झूठ नहीं बोलेगा। जो कपट करेगा उसमें हिंसकता आये विना नहीं रहेगी। संसार में प्रचण्ड हिंसा के प्रसार का प्रधान कारण यही है कि मनुष्य, मनुष्य के साथ झूठकपटमय व्यवहार कर रहा है। __ मनुष्य मुख्य रूप से मनुष्य की ही चोरी करता है। वह पशुओं को चुराता है तो वे पशु भी आखिर मनुष्य के ही . होते हैं। जो मनुष्य, मनुष्य पर दयालु होगा वह किसी की वस्तु चुराकर उसे दुःखी न करेगा। ____ अगर आपके हृदय में इस प्रकार की भावना बद्धमूल हो गई कि मनुष्य ईश्वर का प्रतिनिधि है और उसके प्रति दुर्व्यवहार करना परमात्मा के प्रति दुर्व्यवहार करना है तो आप थोड़े ही दिनों में देखेंगे कि आपके अन्तःकरण में अपूर्व भक्तिभाव पैदा होगा और आप परमात्मा के सच्चे उपासक बन जाएँगे। पाषाण की बनी परमात्मा की मूर्ति की पूजा करता हुआ भी अगर कोई मनुष्य रूप मूर्ति की चोरी करता है तो सपझना चाहिए कि वह परमात्मा की उपासना के मर्म को नहीं समझता।
इसी प्रकार जिसके हृदय में दया होगी वह दूसरे की स्त्री की तरफ कदापि बुरी दृष्टि से नहीं देखेगा। वह कभी किसी स्त्रीको भ्रष्ट करने की इच्छा नहीं करेगा। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com