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बीकानेर के व्याख्यान ]
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लिए तलवार का सहारा लिया । विश्वकवि रवीद्रनाथ ठाकुर जैसे प्रसिद्ध लेखक ने भी जब भगवान महावीर के विषय में लिखने के लिए कलम उठाई तो यही लिखा कि संसार की अंधाधुंधी और मारकाट की शांति का उपदेश भारत में भगवान् महावीर ने ही सुनाया । उनके तप का प्रभाव ही ऐसा था कि धर्म के नाम पर होने वाली हिंसा आप ही बंद हो गई।
धर्म के नाम पर मारकाट करने वाले लोगों के धर्म में मारकाट करने की तो प्राक्षा दी नहीं गई होगी, परन्तु उस धर्म के प्रवर्तक में तप का बल नहीं था। भगवान् महावीर का तप असाधारण था। यही कारण है कि सिद्धान्त रूप से भगवान् का शासन उसी प्रकार चल रहा है, जिस प्रकार उन्होंने चलाया था। ____ अगर कोई जैनधर्म मानने वाला कुपात्र पुरुष हिंसा भी कर डाले तो भी कोई समझदार यह कहने के लिए तैयार नहीं होगा कि जैनधर्म की शिक्षा ऐसी है। मगर मुस्लिम धर्म के अनुयायियों के काम की तरफ देखिए तो मालूम होगा कि मुस्लिम धर्म के फैलाने के उद्देश्य से उन्होंने कैसेकैसे अत्याचार किये हैं। उनके शास्त्र में ही काफिरों के लिए पत्थर लिखे हैं।
भगवान् महावीर ने ग्यारह वर्ष छह मास और पच्चीस दिन ना किया और नौ बार चौमासी तप किया। वे दिनShree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com