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बीकानेर के व्याख्यान ]
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थी? अगर भगवान् आपसे अधिक ज्ञानी थे तो उन्होंने ब्राह्मी को लिपिज्ञान क्यों दिया ? __ एक सम्प्रदाय वालों का कहना है कि साधुओं के सिवाय औरों को खाने को देकर शस्त्र तीखा मत करो। भोजन देने से शस्त्र तीखा हो जाता है और भूखों मारने से मोटा (मोंथरा) हो जाता है। किन्तु यह कथन अज्ञानपूर्ण है। इनके कथनानुसार अगर एक महिला यह विचार करती है कि मेरी लड़की के आँखें होंगी तो वह पुरुषों को देखेगी। देखने पर नीयत बिगड़ जाना भी संभव है। इस प्रकार आँखें रहने से शस्त्र तीखा होगा। ऐसा विचार करके वह महिला अपनी लड़की की आँखें फोड़ डाले तो आप उसे क्या कहेंगे? 'पापिनी!'
जो महिलाएँ अपनी लड़की की आंखों को अच्छी रखने के लिए लड़की की आंखों में काजल आंजती हैं, वे बहिनें उसकी मां हैं या शत्रु ? 'मां!'
मगर खाने को देने से शस्त्र तीखा होता है, ऐसा कहने वालों की श्रद्धा के अनुसार तो वह बहिन लड़की की आंखों में काजल लगाकर शस्त्र तीखा कर रही है ! इसलिए न लड़की को खिलाना चाहिए और न आंखों में अंजन ही प्रांजना चाहिए। फिर तो उसे ले जा कर कहीं समाधि करा देना ही ठीक होगा ! कैसा अनोखा विचार है ! Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com