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[ जवाहर-किरणावली
रख सकेगा।
परिवार के प्रति मैत्रीभावना साध लेने के पश्चात् समान. धर्मी के प्रति मित्रभावना स्थापित करना चाहिए। सब समानधर्मियों को अपना भाई समझो और उन्हें अपने से अभिन्न मानो और अपने को उनसे अभिन्न समझो। सहधर्मी की सहायता करके उसे अपना-सा बना लेने के बाद ही तुम दूसरों की सहायता कर सकोगे। ___ इस प्रकार क्रमशः अपनी भावना का विकास करते चलने से एक समय आपकी भावना प्राणी मात्र के प्रति प्रात्मीयता से परिपूर्ण बन जाएगी: आपका 'अहं' जो अभी मीमित दायरे में गांठ की तरह सिमटा हुआ है, बिखर जाएगा और आपका व्यक्तित्व विराट रूप धारण कर लेगा। उस समय जगत् के सुख में आप अपना सुख समझेंगे।
प्रश्न किया जा सकता है-अर्जुन* माली ने छह युवकों को मार डाला था, इस कारण वह बुरा माना जाता है और सुदर्शन सेठ की बड़ाई की जाती है। परन्तु अर्जुन माली के सामने जैसी परिस्थिति थी वैसी ही परिस्थिति अगर सुदर्शन सेठ के सामने होती अर्थात् जैसे अर्जुन माली के सामने ही उसकी पत्नी के साथ बलात्कार किया गयाथा वैसी ही परिस्थिति अगर सुदर्शन सेठ के सामने होती तो उस समय
*विशेष परिचय पाने के लिए किरणावली की प्रथम किरण का वा म्याखाम देखिए।
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