________________ 17. दोशी, बेचरदास, जैन साहित्य का बहद् इतिहास भाग-1, पृ.-172 18.. जैन, प्रेम सुमन (प्रो.) जैन साहित्य की सांस्कृतिक भूमिका, अध्याय पंचम पृ.-36 19. मुनि कन्हैयालाल 'कमल', उपाध्याय, जैनागम निर्देशिका - पृ. 261 20. जैन, जगदीशचन्द्र (डॉ.) प्राकृत साहित्य का इतिहास, पृ.-75 21. दोशी, बेचरदास (पं.) जैन साहित्य का बहद् इतिहास, भाग-1, पृ.-220 221 22. मुनि कन्हैयालाल 'कमल', उपाध्याय, जैनागम निर्देशिका' पृ. 467 23. स्थानांग वत्ति पत्र 483 24. देवेन्द्र मुनि (आचार्य), आगम साहित्य मनन और मीमांसा, पृ. 163 25. पदग्गं दोणउतिलक्खा सोलस य सहस्सा। - नन्दी चूर्णि। 26. द्विनवतिर्लक्षणाणि गोडश च सहस्राणि। - समवायांगवृत्ति। 27. पण्हवायरणं णाम अंगं तेणउउदिलक्ख-सोलस सहस्सपदेहि। - धवला, भाग-1, पृष्ठ-104 . 28. . . देवेन्द्र मुनि (आचार्य), आगम साहित्य मनन और मीमांसा, पृ. 186 29. हस्तीमलजी, आचार्य, जैन धर्म का मौलिक इतिहास भाग-2 में से ... 'जिनवाणी' अप्रेल 2002 में प्रकाशित लेख पृ.-241 .. 30. जैन, जगदीशचन्द्र (डॉ.) प्राकृत साहित्य का इतिहास, पृ.-98 31. मुनि कन्हैयालाल 'कमल', उपाध्याय, जैनागम निर्देशिका - पृ. 527 * 32. शास्त्री, नेमिचन्द्र (डॉ.), प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक - इतिहास, पृष्ठ-180 33. मुनि कन्हैयालाल 'कमल', उपाध्याय, जैनागम निर्देशिका, पृ.-545 34. शास्त्री, नेमिचन्द्र (डॉ.), प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास, पृष्ठ-180 35. मुनि कन्हैयालाल 'कमल', उपाध्याय, जैनागम निर्देशिका, पृ.-565 (11)