Book Title: Jain Agamo ka Arthashastriya Mulyankan
Author(s): Dilip Dhing
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 388
________________ सन्दर्भ 1. महाप्रज्ञ, आचार्य, महावीर का अर्थशास्त्र पृ.-42 2. जैन, नेमीचन्द (डॉ.) 'डॉ.नेमीचन्द जैन व्यक्तित्व और कृतित्व' पृ.-262 3. अल्तेकर, एजूकेशन इन ऐंशिएंट इण्डिया, 'जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज' (डॉ.ज.च.जैन) के पृ.-286 पर उद्धत। 4. दीक्षित, राजीव 'बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का मकड़जाल' पृ.-40 5. राजस्थान पत्रिका, सम्पादकीय 28 जनवरी, 2005, पृ.-8 6. नफा-नुकसान, जयपुर (9-10 फरवरी, 2005), पृ.-8 7. धींग, दिलीप (डॉ.) की काव्य कृति 'बरगद के बीज' से। 8. महाप्रज्ञ, आचार्य की पुस्तक महावीर का अर्थशास्त्र के पृ.-160 पर अंग्रेजी में उपलब्ध चार्ट पर आधारित। 9. आचारांग सूत्र 1/3/4 10. धींग, दिलीप (डॉ.) की काव्य कृति 'मुक्तक-मुक्ता' से। (359)

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