________________ 66. वट्टखेडं वस्त्र खेल (वृत्त खेल - वृत्त बनाकार खेलना) 67. नालिपाखेडं नालिका खेल (तत्कालीन समय का खेल विशेष) 68. पत्तच्छेज्जं पत्रच्छेद्य (पत्र-छेदन - पत्र/पत्तियों का कार्य) 69. कडगच्छेज्जं कटच्छेद्य (कुण्डल-छेदन/लकड़ी का कार्य) 70. सज्जीवं संजीवन (जीव-विज्ञान) 71. निजीवं. निर्जीवन (अजीव/पदार्थ विज्ञान) 72. सउणरूयमित्ति शकुनरूत्त (पक्षियों की बोलियों का ज्ञान) अन्य ग्रन्थों में वर्णित इन कलाओं के नाम और क्रम में थोड़ा-बहुत अन्तर है। ये कलाएँ विशेष रूप से पुरूषों के लिए बताई गई है। अनेक कलाएँ काल, क्षेत्र और सन्दर्भ के साथ जुड़ी हुई हैं। महिलाओं की चौंसठ कलाएँ ___ इनके अलावा महिलाओं के लिए चौंसठ कलाओं का वर्णन प्राप्त होता है। जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति वृत्ति के अनुसार 64 कलाएँ निम्न हैं - 1. नृत्य 33. काम-विक्रिया 2. औचित्य 34. वैद्यक-क्रिया 3. चित्र 35. कुम्भ भ्रम 4. वादिन 36. सारिश्रम 5. मन्त्र 37. अंजन योग 6. तन्त्र 38. चूर्ण योग 7. ज्ञान 39. हस्तलाघव 8. विज्ञान 40. वचन पाटव 9. दम्भ 41. भोज्य विधि 10. जलस्तंभ 42. वाणिज्य विधि 11. गीतमान 43. मुखमण्डल 12. तालमान 44. शालिखण्डन (122)