Book Title: Jain Agamo ka Arthashastriya Mulyankan
Author(s): Dilip Dhing
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 361
________________ 14. शर्मा, कालूराम (डॉ.) 'प्राचीन भारत का इतिहास' - पृ.-316 एवं सार्थवाह' डॉ. मोती चन्द्र पृ.-125 15. जैन, कमल (डॉ.) 'वसुदेवहिण्डी : एक अध्ययन' पृ.-106 एवं वसुदेवहिण्डी खण्ड दूसरा पत्र-126 16. जैन, कमल (डॉ.) 'वसुदेवहिण्डी : एक अध्ययन' पृ.-125 17. जैन, जगदीश चन्द्र (डॉ.) 'प्राकृत साहित्य का इतिहास' पृ.-668 एवं देखें जैन साहित्य का बहद् इतिहास भाग-5 इक्कीसवाँ प्रकरण पृ.-237-238 . 18. जैन, कमल (डॉ.) 'वसुदेवहिण्डी : एक अध्ययन' पृ.-136 19. जैन साहित्य का बहद् इतिहास भाग-5, इक्कीसवाँ प्रकरण पृ.-237-238 एवं देखें 'प्राकृत साहित्य का इतिहास' पृ.-667 20. जैन, प्रेम सुमन (डॉ.) 'कुवलयमालाकहा का सांस्कृतिक अध्ययन' तीसरा व चौथा अध्याय 21. जैन, प्रेम सुमन (डॉ.) 'कुवलयमालाकहा का सांस्कृतिक अध्ययन' दूसरा अध्याय कुव. 231.28. 'कुवलयमालाकहा का सांस्कृतिक अध्ययन' के पृ.-180 पर उद्धत। 23. जैन, प्रेम सुमन (डॉ.) 'कुवलयमालाकहा का सांस्कृतिक अध्ययन' पृ. 180 24. देखें - इसी ग्रन्थ में गहस्थाचार में स्फोट-कर्म कर्मादान पर विचार। 25. जैन, प्रेम सुमन (डॉ.) 'कुवलयमालाकहा का सांस्कृतिक अध्ययन' पृ. 139 से 141 26. वही, पृ.-157-158 27. वही, पृ.-168 28. आचार्य, देवेन्द्र मुनि 'भगवान महावीर : एक अनुशीलन' परिशिष्ट-2 29. राज्यस्य मूलं क्रमो विक्रमश्च - विद्यावद्धि समुद्देश सूत्र-26 (332)

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