Book Title: Jain Agamo ka Arthashastriya Mulyankan
Author(s): Dilip Dhing
Publisher: Prakrit Bharti Academy

View full book text
Previous | Next

Page 378
________________ सन्दर्भ 1. गुप्ता, एम.एल और शर्मा डी.डी. (डॉ.) 'सामाजिक विचारक' पृ:-141 एवं देखें - प्रगति प्रकाशन-मास्को द्वारा प्रकाशित 'मार्क्सवादी लेनिनवादी सिद्धान्त के मूल तत्व' 2. रूपचन्द्र, मुनि 'अपरिग्रह के सम्बन्ध में मार्क्स और महावीर' 'जिनवाणी' जून, जुलाई, अगस्त, 1986 अपरिग्रह विशेषांक पृ.-298 गुप्ता, एम.एल और शर्मा डी.डी. (डॉ.) 'सामाजिक विचारक' पृ.-116 4. रूपचन्द्र, मुनि 'अपरिग्रह के सम्बन्ध में मार्क्स और महावीर' 'जिनवाणी' जून-अगस्त, 1986 अपरिग्रह विशेषांक पृ.-299-300 5. 'मार्क्सवादी लेनिनवादी सिद्धान्त के मूल तत्व' पृ.-225, 227 6. महाप्रज्ञ, आचार्य, महावीर का अर्थशास्त्र, पृ.-18 7. जैन, प्रेम सुमन (डॉ.) पर्यावरण और धर्म, पृ.-15 गांधी, मोहनदास कर्मचन्द, सत्य के प्रयोग पृ.-32 गोवर्धनदास (ब्रह्मचारी), 'महात्मा गांधी एवं कवि राजचन्द्रजी प्रश्नोत्तर' पुस्तक की भूमिका में महात्मा गांधी के विचार। देखें - आत्मकथा का 'रायचन्दभाई' अध्याय। देखें हंसराज जैन की 'श्रीमद् राजचन्द्र' पुस्तक पृ.-431-439 - 10. नगराज, मुनि (डॉ.), अहिंसा पर्यवेक्षण, पृ.-112-113 11. जैन, सागरमल (डॉ.) - जैन, बौद्ध तथा गीता के आचार दर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन - पृ.-309 .. 12. भगवान महावीर आधुनिक सन्दर्भ में - डॉ. नरेन्द्र भानावत सम्पादित पृ. 58-591 13. सेन, अमर्त्य, गरीबी और अकाल, पष्ठ-16 .. 14. धर्माधिकारी, दादा 'ट्रस्टीशिप के दो पहलू' 'जिनवाणी' जून, जुलाई, अगस्त, . 1986 अपरिग्रह विशेषांक पृ.-232 (349)

Loading...

Page Navigation
1 ... 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408