________________ विहंगावलोकन मौर्य साम्राज्य की समाप्ति के बाद ई. पू. 184 में शुंगवशी पुष्यमित्र ने मगध की बागडोर सम्भाली। तदनन्तर जैन धर्म का केन्द्र मगध से मथुरा की ओर स्थानान्तरित हो गया। वहाँ आगमोद्धार के लिए मथुरा-वाचना हुई थी। इस बीच बारह वर्ष लम्बा भयंकर अकाल पड़ा। उससे श्रुत-सम्पदा की अपार हानि हुई। राज्यों की अर्थव्यवस्थाएँ चरमरा गईं। जनता एक स्थान से दूसरे स्थान पर बस गई। वर्तमान में जो अर्धमागधी आगम साहित्य है, वह वीर निर्वाण संवत् 980 में वल्लभी में आचार्य देवर्धिक्षमाश्रमण के नेतृत्व में हुए मुनि सम्मेलन की फलश्रुति है। आगम साहित्य में भगवान महावीर की वाणी का संकलन है। इन आगमों में ईसा पूर्व छठी शताब्दी से लेकर पाँचवीं शताब्दी तक के जन-जीवन और व्यवस्थाओं के निदर्शन प्राप्त होते हैं। डॉ. जगदीश चन्द्र जैन आगमों पर व्याख्या साहित्य और शौरसेनी आगम साहित्य का रचना-काल ईस्वी सन् की पहली-दूसरी शताब्दी से सोलहवीं शताब्दी तक मानते हैं। ईस्वी सन् की चौथी शताब्दी से 17वीं शताब्दी तक कथा साहित्य सम्बन्धी अनेक महत्वपूर्ण ग्रन्थों की रचना हुई। 11वीं 12वीं शताब्दी का काल तो विशेष रूप से इस साहित्य की उन्नति का काल रहा। इसमें अर्थशास्त्र, राजनीति, कामशास्त्र, निमित्तशास्त्र, अंगविद्या, रत्नपरीक्षा, संगीतशास्त्र, आदि पर भी महत्वपूर्ण ग्रन्थ लिखे गये।" इस काल-खण्ड के हर विषय के साहित्य में अहिंसा, अनेकान्त, अपरिग्रह और संयम जैसे मूल्य विद्यमान है। इसलिए उस साहित्य का वैसा सुप्रभाव तत्कालीन समाज और संस्कृति पर भी पड़ा। तत्कालीन भारतीय समाज और संस्कृति के अगणित आयामों की जानकारी इस साहित्य में भरी पड़ी है। - ईस्वी सन् की दूसरी से पाँचवीं-छठी शताब्दी तक गंग वंश के राजाओं का शासन रहा, जो जैन धर्म के प्रति आस्थावान थे। वे अपनी व्यवस्थाओं से तत्कालीन समय के अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं को भी प्रभावित कर रहे थे। जैन साधु-साध्वी अपने उपदेशों से जन-सामान्य और विशिष्ट जनों का मार्गदर्शन कर रहे थे। गंग वंश के दो राजकुमारों को उपदेश देते हुए जैनाचार्य सिंहनन्दि कहते हैं - 'यदि तुम अपने वचन पूरे नहीं करोगे, अहिंसा-धर्म की मदद नहीं करोगे, स्त्रियों अपहरण करोगे, मद्य-मांस का सेवन करोगे, कुसंगति करोगे, आवश्यक होने पर भी धन-धान्य आदि से दूसरों का सहयोग नहीं करोगे और समर-भूमि में पीठ दिखाओगे तो तुम्हारा वंश नष्ट हो जायेगा। इस पूरे काल-खण्ड में समष्टिगत (319)