________________ . 3. रूवं 4. नटें 6. वाइयं रूप (चित्रकारी, कशीदाकारी, रंगाई आदि) नाट्य (अभिनय और नृत्य) 5. गीयं गीत (गाने की विद्या) वादित (वाद्य यन्त्रों को बजाने की कला) 7. सरगयं स्वरगत (सुर और स्वर की विद्याएँ) 8. पोक्खरगयं पुष्करगत (ढोल-ढोलक आदि का ज्ञान) 9. समतालं समताल (ताल की सूक्ष्म जानकारी) 10. जूयं द्यूत (बौद्धिक खेल खेलने की कला) 11. जणवायं जनवाद (वार्तालाप) (बातचीत और वाद-विवाद की . कला) 12. पासयं पाशक-पासा (पासा खेलना) 13. अट्ठावयं अष्टपद (चौपड़ खेलना) 14. पोरेकच्चं . पुरः काव्य (कवित्व एवं आशुकवित्व) 15. दगभट्ठियं दक मृत्तिका (कुम्भकार कला, मिट्टी के पात्र आदि बनाने की कला) 16. अन्नविहिं अन्नविधि (खेती तथा पाक-कला) 17. पाणविहिं पान विधि (जल उत्पत्ति, शुद्धि व पेय पदार्थों का ज्ञान) 18. वत्थविहिं वस्त्रविधि (वस्त्र बनाने और प्रयोग की विधि) 19. विलेवणविहिं विलेपन विधि (सौन्दर्गीकरण की विधियाँ) 20. सयणविहिं शयन विधि (शयन-कक्ष तैयार करना और शयन-कक्ष सामग्री का निर्माण एवं आन्तिरिक सज्जा) 21. अजं आर्या छन्द (आर्या छन्द/काव्य बनाना अथवा प्रस्तुति) 22. पहेलियं प्रहेलिका (पहेलिया बनाना व रचना एवं गूढार्थ) 23. मागहियं . मागधिका (मागधी/अर्धमागधी प्राकृत जानना, लोक भाषा/ जन बोली जानना) (119)